जमशेदपुर: टाटा स्टील के लिए झारखंड और ओड़िशा दोनों प्रदेश अहम हैं. दोनों राज्यों की मदद से ही कंपनी आगे बढ़ी है. दोनों राज्यों के विकास में कंपनी हर संभव सहयोग करने को तैयार है. यह बातें टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहीं. वे बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आयोजित फ्लावर शो के […]
जमशेदपुर: टाटा स्टील के लिए झारखंड और ओड़िशा दोनों प्रदेश अहम हैं. दोनों राज्यों की मदद से ही कंपनी आगे बढ़ी है. दोनों राज्यों के विकास में कंपनी हर संभव सहयोग करने को तैयार है. यह बातें टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहीं. वे बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आयोजित फ्लावर शो के समापन समारोह के बाद मंगलवार को पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत कर रहे थे. श्री नरेंद्रन ने कहा कि नोटबंदी के बाद कंपनी के कारोबार पर भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ा है.
ऑटोमोबाइल, दोपहिया वाहनों से लेकर हर क्षेत्र के कारोबार व बिक्री में कमी आयेगी तो निश्चित तौर पर स्टील की खपत भी घटेगी. उन्होंने बताया कि ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र हर जगह पर कारोबार सुधरा है. सरकार की ओर से आधूरभूत संरचना को दुरुस्त करने के लिए जो कदम उठाये गये हैं, उससे तेजी से सुधार हो रहा है और अंतिम तिमाही में टाटा स्टील बेहतर प्रोडक्शन व सेल्स करने के साथ ही मुनाफा कमायेगी, ऐसी उम्मीद है.
हालांकि, नोटबंदी की स्थिति में हम लोग सारे स्थानों पर पॉश मशीन लगा रहे हैं जबकि हर सेंटर को कैशलेस बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में कोयले की कीमत में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस कीमत में कमी आने लगी है, जो शुभ संकेत है.
झारखंड सरकार के दो साल कमाल के : नरेंद्रन
श्री नरेंद्रन ने कहा कि झारखंड सरकार ने दो साल में जिस तरह का काम किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है. 14 साल से झारखंड में स्थायी सरकार नहीं आयी थी, अब स्थायी सरकार आयी है तो काम भी दिख रहा है और इससे राज्य का विकास संभव हो सकेगा. नये साल में कुछ नया करेंगे :टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि नये साल में कुछ नया हम लोग करेंगे. ऐसी उम्मीद है.
नये माइंस के लिए लगायेंगे बोली
टीवी नरेंद्रन ने कहा कि माइंस एंड मिनरल डेवलपमेंट व रेगुलेशन एक्ट (एमएमडीआर एक्ट) के तहत हम लोग नये माइंस के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. एमएमडीआर एक्ट के आने से पारदर्शिता आयी है. यह सही है कि सौ साल से हम लोग राज्यों की सेवा की है, लेकिन खान आवंटन में भी पारदर्शिता जरूरी थी.