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विवेकानंद स्कूल के 60 स्टूडेंट सस्पेंड

जमशेदपुर: मानगो स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने गुरुवार को हाइस्कूल के एक वर्ग के सभी 60 बच्चों को सस्पेंड कर दिया है. उन्हें अब सीधे परीक्षा देने के लिए स्कूल आने का आदेश दिया गया है. स्कूल की प्रिंसिपल डॉ निधि श्रीवास्तव ने बताया कि सभी बच्चों का सिलेबस पूरा कर दिया गया है […]

जमशेदपुर: मानगो स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने गुरुवार को हाइस्कूल के एक वर्ग के सभी 60 बच्चों को सस्पेंड कर दिया है. उन्हें अब सीधे परीक्षा देने के लिए स्कूल आने का आदेश दिया गया है. स्कूल की प्रिंसिपल डॉ निधि श्रीवास्तव ने बताया कि सभी बच्चों का सिलेबस पूरा कर दिया गया है अौर अब जिस तरह की हरकत बच्चे कर रहे हैं उन्हें स्कूल में पढ़ाना मुश्किल हो गया है.

इसकी जानकारी सभी पैरेंट्स को दे दी गयी है. बच्चों की कारस्तानी से तंग आकर स्कूल की शिक्षिकाअों ने एक क्लास के बच्चों को पढ़ाने से मना कर दिया था. एक शिक्षिका ने रो-रो कर प्रिंसिपल से शिकायत की कि वह स्कूल में पढ़ाना छोड़ देंगी, क्योंकि बच्चे जिस कदर से उन पर कमेंट करते हैं, वे किसी भी तरह से सहन नहीं किया जा सकता है. इसके बाद गुरुवार को स्कूल प्रबंधन ने सख्त निर्णय लिया.

10 दिसंबर को पैरेंट्स को किया गया था तलब. स्कूल में यह सब करीब 15 दिन से चल रहा था. प्रतिदिन की हरकत से तंग आकर प्रिंसिपल ने 10 दिसंबर को पैरेंट्स-टीचर मीटिंग बुलायी. इसमें सभी विद्यार्थियों के पैरेंट्स को उनके हरकतों की जानकारी दी गयी. पैरेंट्स ने भी यह आश्वस्त किया कि वे बच्चे को समझायेंगे, लिखित रूप से भी गलती स्वीकार की गयी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका.
19 दिसंबर को बुलायी गयी है मीटिंग. स्कूल की प्रिंसिपल ने 9वीं के सभी बच्चों के अभिभावकों की मीटिंग 19 दिसंबर को बुलायी है. इसमें उन्हें बताया जायेगा कि जिस तरह से बच्चों की हरकत है इससे वे न ही अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास करेंगे अौर न ही अच्छे इनसान बन सकेंगे. उन पर ध्यान देने को कहा जायेगा. साथ ही सस्पेंड मामले में भी आगे की स्थिति साफ की जायेगी.
क्या है मामला
स्कूल के एक वर्ग के बच्चे पिछले करीब 15 दिनों से स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाअों को लगातार परेशान कर रहे थे. स्कूल की शिक्षिका जब बच्चों को पढ़ाने जब क्लास में जाती, तो कुछ बच्चे शिक्षिका पर अश्लील कमेंट करते थे. शुरू-शुरू इसे नजरअंदाज किया गया. लेकिन धीरे-धीरे यह क्रम बढ़ता गया, 2-4 बच्चों से शुरू हुआ यह मामला बढ़ते-बढ़ते पूरे क्लास में फैल गया. हर कोई महिला शिक्षिका पर फब्तियां कसता, तो पुरुष शिक्षक जब पढ़ाने आते, तो उन्हें पढ़ाने नहीं देते. जब शिक्षक बोर्ड पर कुछ लिखने की कोशिश करते, तो एक साथ सभी जोर-जोर से हल्ला करते. जब बच्चों को डांटा जाता, तो वे उन्हें बाहर देख लेने की धमकी भी देते थे.
20 साल से स्कूल चला रही हूं, ऐसा कभी नहीं हुआ : प्रिंसिपल. विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ निधि श्रीवास्तव ने बताया वे पिछले 20 साल से स्कूल से जुड़ी हैं, लेकिन अब तक इस तरह के बच्चे नहीं मिले. वे ना ही खुद पढ़ते हैं अौर ना दूसरों को पढ़ने देते हैं. उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है. गुरुवार को जब वे बच्चों को डांटने गयी अौर उनकी हरकत देखी, तो आंखों में आंसू आ गये.

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