इस मामले में रोजगार सेवक काजल राणा को चयन मुक्त किया जा चुका है तथा पंचायत सेवक मनोहर पातर से 8,516 अौर मुखिया परेश सिंह से 8, 516 रुपये वसूली करने का आदेश दिया गया है.
लाभुक की शिकायत पर डोभा निर्माण हुए बिना राशि की निकासी का खुलासा हुआ था. कार्यपालक अभियंता ने जांच रिपोर्ट में बताया है कि बीडीअो-बीपीअो ने समय पर योजना स्थल की जांच नहीं की जिससे बिना काम कराये राशि की निकासी हो गयी.