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अखिलेश से संपर्क वाले 18 हिरासत में

जमशेदपुर: उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद जिला पुलिस सजायाफ्ता अखिलेश सिंह के नेटवर्क को तोड़ने में जुट गयी है. पुलिस ने अखिलेश के गिरोह की लिस्ट तैयार की है. जिसमें कुछ व्यापारियों सहित 58 लोगों के नाम शामिल हैं. पहले चरण में एसएसपी अनूप टी मैथ्यू द्वारा गठित टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी […]

जमशेदपुर: उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद जिला पुलिस सजायाफ्ता अखिलेश सिंह के नेटवर्क को तोड़ने में जुट गयी है. पुलिस ने अखिलेश के गिरोह की लिस्ट तैयार की है. जिसमें कुछ व्यापारियों सहित 58 लोगों के नाम शामिल हैं. पहले चरण में एसएसपी अनूप टी मैथ्यू द्वारा गठित टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर 18 लोगों को हिरासत में लिया है.

सभी के मोबाइल को जब्त कर लिया गया है. तकनीकी सेल के माध्यम से जांच में आठ लोगों का संपर्क अखिलेश सिंह से होने की बात सामने आयी है और अन्य दस लोग उपेंद्र सिंह हत्याकांड में फरार हरीश, शिवा रेड्डी व संजय सिंह के संपर्क में हैं. पुलिस सभी से तीनों के ठिकानों के बारे में पूछताछ कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने अखिलेश सिंह गिरोह के सदस्य कन्हैया सिंह व बागबेड़ा बड़ौदा घाट निवासी विनोद सिंह के घर पर डीएसपी विमल कुमार ने छापेमारी की, लेकिन दोनों फरार थे. जबकि गोलमुरी में फरार संजय सिंह के घर पर छापेमारी की गयी, तो वहां ताला लगा मिला. पुलिस के मुताबिक संजय सिंह किराये के मकान में रहता है. वहीं हरीश का पुलिस को कोई स्थायी पता नहीं मिला है. पुलिस को जांच में हरीश के जगह बदल-बदल कर रहने की सूचना मिली है.

गिरोह की संपत्ति का ब्योरा खंगालने में जुटी पुलिस. एसएसपी ने बताया कि अखिलेश गिरोह जिन लोगों के साथ बिजनेस कर रहा था और साथ ही साथ उसके गिरोह से जुड़े सभी लोगों की संपत्ति का ब्योरा पुलिस इकठ्ठा कर रही है. सभी पर पुलिस कार्रवाई करेगी. पुलिस इसमें आयकर विभाग की मदद भी लेगी. पुलिस जमशेदपुर से लेकर दिल्ली तक अखिलेश सिंह के साथ व्यापारिक तालमेल रखने वालों को खंगालेगी. दिल्ली के एक बिल्डर का भी अखिलेश के साथ बिजनेस करने का पता चला है.
अखिलेश के अन्य घरों व संपत्ति पर पुलिस की नजर. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अखिलेश सिंह के सिदगोड़ा व बिरसानगर के अन्य घरों पर भी पुलिस की नजर है. पुलिस उन सभी घरों व अखिलेश सिंह की संपत्ति को भी जब्त करेगी.
बिहार से उपेंद्र की हत्या की ली जा रही थी जानकारी. पुलिस सूत्रों के अनुसार उपेंद्र सिंह की हत्या की जानकारी बिहार के बक्सर जिले से ली जा रही थी. वहां से अखिलेश का मित्र जमशेदपुर में हरीश के संपर्क में था. जो कोर्ट परिसर में हो रही गतिविधि पर नजर रखे था और दिशा-निर्देश दे रहे थे. यह भी सूचना है कि अखिलेश सिंह पटना में था. पुलिस ने बिहार पुलिस से भी संपर्क साधा है. हालांकि एसएसपी ने इससे इनकार किया है. उपेन्द्र सिंह की हत्या की जांच और अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सीआइडी की टीम का गठन किया गया है.
कोर्ट के बाहर पुलिस को मिली लावारिस बाइक
सीतारामडेरा पुलिस को भुइयांडीह कोर्ट के बाहर लावारिस हालत में बाइक मिली है. नंबर के बारे में पता लगाया गया तो बाइक आदित्यपुर के एक व्यक्ति की निकली. पुलिस आदित्यपुर गयी, जहां व्यक्ति से बाइक के बारे में पूछा गया, तो उनके पास कोई बाइक नहीं होने की जानकारी मिली. पुलिस बाइक के चेसिस व इंजन नंबर के आधार पर मामले की छानबीन कर रही है. पुलिस ऐसा मान रही है कि घटना में उक्त बाइक का इस्तेमाल किया गया हो.
अॉडी कार की तलाश
पुलिस ने कार मालिक के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की
जमशेदपुर. पुलिस अखिलेश सिंह की अॉडी कार की तलाश कर रही है. यह कार किसी अौर के नाम पर है अौर रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर पुलिस ने बैंक व परिवहन कार्यालय से कार मालिक के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की है. पुलिस अौर सीआइडी को जानकारी मिली थी कि अखिलेश सिंह को अॉडी कार विनोद सिंह ने गिफ्ट में दी है, जिसके आधार पर विनोद सिंह को हिरासत में लेकर साकची थाने में पूछताछ कर रही है. वहीं महिला राजश्री पति को पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ दिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार विनोद सिंह ने पूछताछ में बताया कि यह कार उसके नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है. छानबीन में पुलिस को पता चला है कि कार किसी अौर के नाम पर है अौर कार की मासिक किस्त टेल्को थाना क्षेत्र का व्यवसायी जमा करता है. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद 10 मार्च 2016 को अखिलेश सिंह सफेद रंग की अॉडी कार पर सवार होकर जुलूस के साथ जमशेदपुर आया था. पुलिस स्वागत कार्यक्रम के वीडियो फुटेज जुटा कर भी समर्थकों की सूची तैयार कर रही है.
वाराणसी, दिल्ली, नोएडा समेत कई क्षेत्रों में शरण लेता है अखिलेश. सजायाफ्ता अपराधी अखिलेश सिंह फरारी में वाराणसी, नोएडा, दिल्ली, उत्तराखंड, प. बंगाल के नियामतपुर समेत अन्य क्षेत्रों को अपना ठिकाना बनाता है. पूर्व में अखिलेश सिंह फरारी के समय उत्तर प्रदेश-बिहार के सीमांचल क्षेत्र के साथ-साथ पटना अौर आसपास के क्षेत्रों में शरण लेता था, लेकिन अपराध जगत में कद बढ़ने तथा आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद उसने वाराणसी, नोएडा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के नियामतपुर स्थित रिश्तेदार के घर में शरण लेता था. साथ ही वह उत्तराखंड एवं नेपाल तक आता-जाता रहता है. फरारी के दौरान नेपाल में शादी करने की बात भी सामने आयी थी. 29 दिसंबर 2011 को नोएडा से गिरफ्तार होने के बाद अखिलेश सिंह ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि फरारी में वह पूर्व में राज्य के कई होटलों, रांची स्थित पुरानी पुलिस लाइन के पीछे, बनारस में ससुर चंदन सिंह के आवास पर, नोएडा में तथा नई दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में शरण लेता था.
कई राज्यों में रियल इस्टेट के धंधे में किया है निवेश. अखिलेश सिंह ने अपराध के बदौलत कमाई राशि का ट्रांसपोर्ट अौर रियल इस्टेट के धंधे में निवेश किया है. साथ ही उसका शहर अौर आसपास की कई कंपनियों में भी काम चल रहा है. अखिलेश सिंह का शहर के अलग-अलग हिस्सों में फ्लैट के अलावा कई करोड़ की दूसरे के नाम पर हाइवा, ट्रेलर अौर पीसी है. सूत्रों के अनुसार अखिलेश सिंह ने उत्तराखंड समेत कुछ अन्य में भी रियल इस्टेट के धंधे में निवेश किया है. अखिलेश सिंह ने अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से किया था अौर न्यू गुलशन रोडलाइंस साझेदारी में शुरू की थी. ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय के सिलसिले में ट्रांसपोर्टर अशोक शर्मा हत्याकांड (अब बरी) अौर अोम प्रकाश काबरा अपहरण कांड (अब बरी) में उसका नाम जुड़ा था, जिसके बाद वह अपराध जगत में धंसता चला गया.

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