जमशेदपुर: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की नयी नीति के देश भर के जूनियर डॉक्टर व इंटर्न्स विरोध में उतर आये हैं. गुरुवार को दोपहर में एमसीआइ की चिट्ठी की जानकारी मिलने पर करीब डेढ़ सौ जूनियर डॉक्टर एवं इंटर्न्स के साथ पोस्टर लेकर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और दोपहर बाद से कार्य से अलग हो गये. जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि शुक्रवार से वे लोग ओपीडी का काम नहीं करेंगे, सिर्फ इमरजेंसी, शिशु इमरजेंसी एवं लेबर रूम में सेवा देंगे.
क्यों कर रहे विरोध
पूर्व में साढ़े चार साल की पढ़ाई और एक साल की इंटर्नशिप होती थी. एमसीआइ द्वारा सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यो को भेजी गयी चिट्ठी के अनुसार 2015 से नये नियम लागू किये गये हैं. उसके अनुसार साढ़े चार साल की पढ़ाई, दो साल का इंटर्न और एक साल ग्रामीण क्षेत्र में पोस्टिंग होगी. यह तीनों अनिवार्य है. उसके बाद ही पीजी कर सकेंगे. पूर्व में साढ़े पांच साल की पूरी पढ़ाई होती थी. अब साढ़े सात साल की होगी. इसका पूरे देश और झारखंड के तीनों मेडिकल कॉलेज में विरोध हो रहा है.
नियमित रूप से धरना पर बैठेंगे
‘‘शुक्रवार से जूनियर डॉक्टर व इंटर्न्स नियमित रूप से धरना पर बैठेंगे. नये नियम से कोर्स पूरा करने और पीजी करने तक साढ़े ग्यारह साल लगेंगे. एमसीआइ को यह नियम वापस लेना चाहिये. जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को आइएमए ने भी समर्थन दिया है तथा प्राचार्य व अधीक्षक को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है.
– डॉ आकाश कुमार जूनियर रेजिडेंट .