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कारपेंटरों ने ही की थी दीपा व द्विज की हत्या

पोटका की घटना से सुलझी उलीडीह हत्याकांड की गुत्थी. साथ काम करने वाले दो ने दिया वारदात को अंजाम सुपारी की राशि के झगड़े में एक ने की दूसरे की हत्या, दूसरा गिरफ्तार गिरफ्त में आने के बाद किया खुलासा, फ्लैट में हत्या हम लोगों ने की 15 नवंबर की दोपहर 3 से 3.30 बजे […]

पोटका की घटना से सुलझी उलीडीह हत्याकांड की गुत्थी. साथ काम करने वाले दो ने दिया वारदात को अंजाम

सुपारी की राशि के झगड़े में एक ने की दूसरे की हत्या, दूसरा गिरफ्तार

गिरफ्त में आने के बाद किया खुलासा, फ्लैट में हत्या हम लोगों ने की

15 नवंबर की दोपहर 3 से 3.30 बजे के बीच की गयी मां-बेटे की हत्या

सुपारी देकर मां व मासूम बेटे की हत्या कराने की बात सामने आयी

एमजीएम थाना में गिरफ्तार मुकेश से पुलिस कर रही है पूछताछ

जमशेदपुर : उलीडीह डी चौधरी मधुसूदन कॉम्प्लेक्स में बैंक मैनेजर की पत्नी मंजू उर्फ दीपा और उसके चार वर्षीय बेटे द्विज की हत्या का मामला मंगलवार को परत-दर-परत खुलता चला गया. साथी कारपेंटर मोहन की हत्या करने वाले मुुकेश शर्मा ने पुलिस के सामने अपना अपराध कुबूल करते हुए बताया है कि उसने मोहन के साथ मिलकर दीपा और उसके बेटे की हत्या की थी. सुपारी की राशि बंटवारे को लेकर पोटका में एक फर्नीचर दुकान में दोनों के बीच विवाद हुआ और उसने मोहन की हत्या कर दी.

हत्याकांड में शामिल होने की पुष्टि जिला पुलिस के वरीय अधिकारियों ने की है. मुकेश शर्मा को मंगलवार की रात पोटका थाना से एमजीएम थाना ले आया गया, जहां उससे एसएसपी अनूप टी मैथ्यू, सिटी एसपी प्रशांत आनंद पूछताछ कर रहे हैं.

2.50 लाख में दी सुपारी बैंक मैनेजर से पूछताछ

दीपा और द्विज की हत्या का खुलासा होने के बाद दोनों की हत्या की सुपारी किसने कारपेंटर मोहन (अभी मृत) और उसके साला मुकेश शर्मा को दी. इस बिंदू पर जिला पुलिस के वरीय अधिकारी छह दिनों से हिरासत में बैंक मैनेजर सह मृतका के पति शशि कुमार से पूछताछ कर रहे हैं. फिलहाल पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि हत्या के लिए मोहन और मुकेश को 2.50 लाख रुपये में सुपारी दी गयी थी. कुछ एडवांस भी दिया गया.

एडवांस राशि का बंटवारा ही दोनों के विवाद का कारण बना. सूत्रों के अनुसार, मुकेश ने पुलिस काे पूछताछ में बताया है कि मोहन खुद ही पूरे पैसे हजम कर जाना चाहता था और उसे उसका हिस्सा नहीं देना चाहता था, जिसके कारण उनके बीच विवाद हुआ. पुलिस की पूछताछ में बैंक मैनेजर सुपारी देने की बात से इनकार कर रहे हैं. लेकिन पुलिस को बैंक मैनेजर के अलावा अन्य किसी द्वारा सुपारी देने का कारण अभी तक सामने नहीं आया है. बैंक मैनेजर और गिरफ्तार मुकेश शर्मा को एमजीएम थाना में आमने-सामने बैठाकर पुलिस ने आमने-सामने पूछताछ की.

15 नवंबर: 3 से साढ़े तीन के बीच हुई हत्या

मधुसूदन अपार्टमेंट में मंजू और द्विज की हत्या की जांच कर रही पुलिस टीम को सोमवार को घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा. फुटेज में दो अपराधियों के शर्ट बदल कर बाहर निकलने की तस्वीरें मिली. हत्या के बाद अलमीरा से जो नयी शर्ट को अपराधी पहनकर निकले, उस फुटेज को पुलिस ने बैंक मैनेजर को दिखाया. बैंक मैनेजर ने दोनों शर्ट की पहचान की, जिसके बाद पुलिस की जांच को मजबूती मिली.

पुलिस के मुताबिक अपराधी 15 नवंबर को दिन के तीन बजे अपार्टमेंट में घुसे और हत्या करने के बाद दोनों साढ़े तीन बजे अपार्टमेंट से बाहर निकल गये. मुकेश ने अपने हाथ में अपार्टमेंट में जाते समय अखबार पकड़ा था और मोहन के हाथ में एक काले रंग का बैग था. निकलने के फुटेज में मुकेश के हाथ में अखबार नहीं था. उसी अखबार को पुलिस ने मंजू के फ्लैट से घटना के दूसरे दिन जांच के दौरान जब्त किया था.

हत्या के बाद मोबाइल से बात करते निकले थे

सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को यह दृश्य देखने को मिला कि मंजू और द्विज की हत्या करने के बाद दोनों अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे है. इसमें एक व्यक्ति मोबाइल फोन पर बात कर रहा है. पुलिस ने फोन में बात करने के टाइमिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए तकनीकी सेल के माध्यम से यह पता लगा लिया कि वह मोबाइल फोन किसका है. पुलिस उस मोबाइल फोन के टावर लोकेशन के आधार पर दोनों तक पहुंचने में जुट गयी. इस बीच पुलिस को मंजू और द्विज की हत्या में शामिल एक अपराधी मोहन शर्मा की हत्या पोटका में उसके साला द्वारा करने की सूचना मिल गयी.

18 नवंबर को मोहन-मुकेश को ठेकेदार ले गया था काम कराने

मोहन की हत्या के बाद मुआवजे को लेकर आगजनी व डिमना रोड मानगो चेक पोस्ट में रोड जाम करते लोग.

बिहार शरीफ का ही रहने वाला था मोहन

पुलिस के मुताबिक बैंक मैनेजर शशि कुमार का पैतृक गांव बिहार शरीफ के नथुना मोहल्ला में है और उनकी पत्नी और बेटे की हत्या में शामिल मूनसिटी हनुमान मंदिर के पास रहने वाले मोहन शर्मा (अभी मृत) का पैतृक गांव भी बिहार शरीफ के परसा गांव में हैं. इसी मामले में गिरफ्तार मुकेश शर्मा का गांव मोकामा में है. पुलिस मोहन के पैतृक आवास को और बैंक मैनेजर के पैतृक आवास को भी हत्या की कड़ी से जोड़कर जांच कर रही है. पुलिस ऐसा मान रही है कि बैंक मैनेजर और मोहन का पूर्व परिचय हो सकता है. फिलहाल बैंक मैनेजर ने पुलिस को मोहन से पूर्व परिचय होने से इनकार किया है.

पोटका में काम करने की प्लानिंग व रकम तय हुआ

मंजू और द्विज की हत्या करने के बाद मोहन शर्मा और उसका साला मुकेश शर्मा दोनों भागे फिर रहे थे. दोनों 15 नवंबर और 16 नवंबर की रात को अपने घर मूनसिटी नहीं गये. फरारी के दौरान मुकेश से मोबाइल फोन पर डिमना चौक निवासी ठेकेदार विनोद प्रसाद ने संपर्क किया. विनोद को मुकेश द्वारा बहनोई के साथ मिलकर हत्याकांड में शामिल होने की कोई जानकारी नहीं थी. जानकारी देते बिनोद ने बताया कि दो वर्ष पूर्व मुकेश ने उनका काम किया था,

इस वजह से वह पोटका का काम भी मुकेश को देना चाहते थे. विनोद ने मुकेश को पोटका में एक फर्नीचर दुकान में काम करने का ऑफर दिया. 16 नवंबर की रात साढ़े नौ बजे मुकेश शर्मा अपने बहनोई मोहन को साथ लेकर विनोद प्रसाद के घर पहुंचा. घर पर पोटका में काम करने की प्लानिंग व रकम तय हुआ. मुकेश ने वहीं पर मोहन से उनका परिचय कराया

. इसके बाद मुकेश ने बिनोद से कुछ राशि एडवांस मांगी और फिर दोनों चले गये. 18 नवंबर को सुबह सवा छह बजे बिनोद ने मुकेश को फोन कर पोटका साथ चलने की बात कही. मुकेश ने बिनोद को बताया कि वह अपने बहनोई के साथ टाटानगर रेलवे स्टेशन पर है और वहीं से वह काम पर पोटका पहुंच जायेगा. बिनोद ने बताया कि 21 नवंबर को वह पोटका साइट पर गये थे.

वहां पर मुकेश ने कुछ रुपये मांगे, जिसे देने के बाद वह लौट आये. 22 नवंबर को सुबह 5.37 बजे मुकेश ने उनके (विनोद) मोबाइल फोन पर कॉल किया कि मोहन की हत्या किसी ने कर दी है. यह सुनकर वह पोटका पहुंचे. वहां मोहन को लहूलुहान अवस्था में देखा. इसबीच पोटका पुलिस पहुंची. पुलिस ने मुकेश को पकड़ा. मुकेश ने पुलिस को बताया कि उसने मोहन की हत्या की है.

हनुमान मंदिर : आगे रोड में मोहन व पीछे रोड में मुकेश का घर

मंजू व द्विज की हत्या में शामिल मोहन शर्मा का हनुमान मंदिर रोड़ नंबर एक में हैं और पीछे रोड में साला मुकेश रहता है. मोहन शर्मा के साथ उसकी पत्नी सिंटू, दो बेटे (क्रमश: सात व आठ वर्ष), पिता बंगाली शर्मा और मां के साथ रहता था. इसी बाड़ी में अन्य घरों पर उनके चाचा और उनका परिवार रहता था.

मोहन के हत्या की खबर दोपहर बाद आग की तरह इलाके में फैल गयी और काफी संख्या में लोग जुट गये. घर में मातम का माहौल था. काम करने की गये मोहन की हत्या उसके साला मुकेश द्वारा करने की बात से लोग हतप्रभ थे. मोहन को पूरी बस्ती के लोग शांत व मधुर स्वभाव वाला बता रहे थे. मोहन के शव का पोस्टमार्टम कर शव दिन के सवा दो बजे मूनसिटी लाया गया. घर पर अंतिम प्रक्रिया पूरी करने के बाद साकची स्वर्णरेखा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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