आदित्यपुर: झारखंड में औद्योगिक विकास के लिए जमीन की कमी दूर कर ली गयी है. उद्योग लगाने के लिए राज्य के 2 लाख हेक्टेयर सरकारी जमीन का उपयोग किया जायेगा. इस जमीन पर खेती नहीं होती है. इसे झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (जियाडा) को नि:शुल्क स्थानांतरित किया जायेगा.
उक्त बातें शनिवार को आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के सभागार में मोमेंटम झारखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2017 के तहत आयोजित एमएसएमइ मीट में उद्योग विभाग के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने बताया कि जियाडा उद्योगों के लिए जमीन आवंटन से मिली राशि सरकार को सौंपेगा. अबतक ऐसे 10 हजार एकड़ जमीन की पहचान की जा चुकी है. कुछ जमीन स्थानांतरित भी किया जा चुके है.
आयडा को भी 1500 एकड़ जमीन मिलने वाली है. जमीन की दर किफायती व न्यूनतम रखी जायेगी, क्योंकि जमीन बेचना सरकार का उद्देश्य नहीं होगा, बल्कि उद्योग लगाना है. उद्योग लगने से विभिन्न करों के माध्यम से सरकार को राजस्व मिलेगा. इसमें अधिक संख्या में रोजगार देने वाले और समाजोपयोगी उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दी जायेगी. इसके लिए एक माह में सरकार नीति लाने वाली है. टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज सबसे अधिक रोजगार देते हैं. इसके लिए पहले मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना होगी. इससे दो सालों में 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
झारखंड में हो माइनिंग इक्विपमेंट का उत्पादन
वर्णवाल ने बताया कि झारखंड में देश का 40 प्रतिशत खनिज है. इसके माइंस में प्रयुक्त इक्विपमेंट बाहर से मंगाये जाते हैं. इनका उत्पादन यहां होना चाहिए. कम से कम इसका मेंटनेंस हब तो बनना ही चाहिए.
जुस्को की बिजली व रोड की हुई प्रशंसा
उद्यमियों ने आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में जुस्को की बिजली की प्रशंसा किया. इसके बारे में कहा गया कि देश में कहीं भी इतनी अच्छी बिजली नहीं मिल रही है. साथ ही यहां बनवाये गये रोड की प्रशंसा भी की.
स्थानीय उद्यमियों की मदद से होगा विदेशी निवेश
वर्णवाल ने कहा कि निवेश में स्थानीय निवेशकों की काफी अहम भूमिका है. सरकार के कहने से अधिक विदेशी निवेशकों पर प्रभाव उद्यमियों द्वारा यहां के बारे में बताने से पड़ता है. इसलिए स्थानीय उद्यमियों के प्रयास से विदेशी निवेश होगा. उनका संपर्क विदेशी उद्यमियों से कराया जायेगा. निवेशकों ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में रुचि दिखायी है. इसलिए आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के आसपास की जमीन का उपयोग ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए होगा. इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में विदेशी कंपनियां कई कारणों से स्थानीय कंपनियों के सहयोग से निवेश करना चाहती है. इसके लिए यहां के उद्यमियों को आगे आना होगा.
लाइसेंस के लिए तय होगी टाइम लाइन
वर्णवाल के अनुसार सरकार संभावना को अवसर में बदलने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम में सुधार करेगी. किसी भी प्रकार के लाइसेंस देने वाले विभाग के लिए टाइम लाइन तय किया जायेगा. एक ही जगह से सभी प्रकार की स्वीकृति देने का प्रयास होगा. दस नयी नीतियों से इज ऑफ डूइंग बिजनेस की बड़ी बाधाएं दूर हुई हैं. इसमें झारखंड अभी देश के टॉप टेन स्टेट में है. यह दिखाता है कि व्यवसाय करना आसान कर निवेश का माहौल तैयार किया जा रहा है. कई नीतियां देश में सर्वश्रेष्ठ साबित हुई है. कॉस्ट ऑफ डूइंल बिजनेस सबसे कम है. चुनौतियों को समाप्त किया जा रहा है. आज की अवश्यकतानुसार नीतियां बनायी जा रही है.