जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में ग्रेड रिवीजन पर प्रबंधन और यूनियन के बीच दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह के पहले वार्ता शुरू होने की उम्मीद नहीं है. अब तक वार्ता कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. महामंत्री 23 से 28 नवंबर तक मुंबई में रहेंगे. ऐसे में वार्ता होना का आसार नहीं दिख रहा […]
जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में ग्रेड रिवीजन पर प्रबंधन और यूनियन के बीच दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह के पहले वार्ता शुरू होने की उम्मीद नहीं है. अब तक वार्ता कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. महामंत्री 23 से 28 नवंबर तक मुंबई में रहेंगे. ऐसे में वार्ता होना का आसार नहीं दिख रहा है. एक अप्रैल 16 से कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन लंबित है. वैसे प्रबंधन और यूनियन के बीच औपचारिक वार्ता 13 अगस्त को हो चुकी है.
पिछली बार पांच माह बाद हुआ था समझौता : चार्टर ऑफ डिमांड सौंपने के बावजूद 2013 में टाटा मोटर्स में ग्रेड रिवीजन समझौता पांच माह बाद हुआ था. ग्रेड रिवीजन में कर्मचारियों को न्यूनतम 7530 रुपये और अधिकतम 9052 रुपये का लाभ मिला था.
वार्ता शुरू नहीं होने कारण : टेल्को वर्कर्स यूनियन में वार्ता कमेटी का गठन नहीं हो सका है. इस पर यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री के साथ ऑफिस बियररों में आम राय नहीं बन पा रही है. ऑफिस बियरर वार्ता कमेटी में नये चेहरे को शामिल करने और अध्यक्ष, महामंत्री को बाहर से सपोर्ट करने की मांग उठा रहे है. इधर, पीएफ ट्रस्टी की बैठक 25 नवंबर को मुंबई में होनी है. ट्रस्टी में महामंत्री स्वयं सदस्य हैं. ऐसे में वे 23 नवंबर को मुंबई रवाना होंगे. ताकि 25 की बैठक में शामिल हो सके. बैठक के बाद महामंत्री 28 नवंबर को शहर आयेंगे. एक साथ कई हैं चुनौतियां : ग्रेड रिवीजन का समय अंतराल तीन साल के साथ यूनियन के समक्ष कई चुनौती है. उन चुनौती पर यूनियन के खरा नहीं उतरने पर कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ना तय है.
ऐसे में यूनियन का प्रयास होगा कि वह समझौता तीन साल के लिए करें. वीडीए प्वाइंट में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी कराये. पिछले तीन ग्रेड रिवीजन समझौता में एडिशनल इनसेंटिव प्रोडक्शन के आधार पर तय नहीं हो सका. इस बार एडिशनल इनसेंटिव प्रोडेक्शन के आधार पर तय करने, मूल वेतन में बढ़ोतरी, बोनस का फॅार्मूला बनाने, आइओडब्लू (इंजर्ड ऑन वर्क) और आईओडी (इंज्यूरी ऑन ड्यूटी ) के तहत मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को स्थायी नौकरी दिलाने, स्थायी प्रवृत्ति का काम स्थायी कर्मियों से भागीदारी सुनिश्चित करना शामिल है.
यूनियन को साख बचाने का अवसर : यूनियन के अध्यक्ष अमलेश कमेटी मीटिंग में पहले ही घोषणा कर चुके है कि तीन साल पर समझौता नहीं होने पर सबसे पहले वे यूनियन से इस्तीफा देंगे. हाल ही में हुए बोनस समझौता के परिणाम से कर्मचारी भली भांति अवगत हैं. ऐसे में टेल्को वर्कर्स यूनियन की नयी टीम के लिए ग्रेड रिवीजन समझौता किसी परीक्षा से कम नहीं है. सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार नयी टीम प्रबंधन के साथ ग्रेड रिवीजन समझौता होगा. इस पर कर्मचारियों की नजरें टिकी हुई हैं.