सीएच एरिया स्थित निर्मल भवन में शनिवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में रमेश हांसदा व रमेश नाग ने कहा कि जब ग्रामसभा की मंजूरी से ही जमीन हस्तांतरित होगी तो फिर विरोध किस बात का हो रही है. कई आदिवासी व अन्य जातियों के लोगों ने अपनी जमीन पर पेट्रोल पंप, दुकान आदि बना लिये हैं. नयी व्यवस्था से सारी जमीन रेगुलराइज हो जायेगी और व्यवस्था भी बेहतर हो जायेगी. यह तो बेहतर प्रावधान आ रहा है जिसमें लोग अपनी जमीन पर अपना कारोबार या अन्य काम कर सकते हैं. ऐसे में विरोध कर लोगों के बीच गलत संदेश दिया जा रहा है.
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आदिवासियों को भ्रमित न करे झामुमो-कांग्रेस : रमेश
जमशेदपुर : भाजपा नेता रमेश हांसदा, रमेश नाग समेत आदिवासी समुदाय से जुड़े कई लोगों ने सीएनटी व एसपीटी एक्ट में किये जा रहे संशोधन को आदिवासी, हरिजन, दलित और पिछड़ों के हित में बताया है. सीएच एरिया स्थित निर्मल भवन में शनिवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में रमेश हांसदा व रमेश नाग ने कहा कि […]
जमशेदपुर : भाजपा नेता रमेश हांसदा, रमेश नाग समेत आदिवासी समुदाय से जुड़े कई लोगों ने सीएनटी व एसपीटी एक्ट में किये जा रहे संशोधन को आदिवासी, हरिजन, दलित और पिछड़ों के हित में बताया है.
सीएच एरिया स्थित निर्मल भवन में शनिवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में रमेश हांसदा व रमेश नाग ने कहा कि जब ग्रामसभा की मंजूरी से ही जमीन हस्तांतरित होगी तो फिर विरोध किस बात का हो रही है. कई आदिवासी व अन्य जातियों के लोगों ने अपनी जमीन पर पेट्रोल पंप, दुकान आदि बना लिये हैं. नयी व्यवस्था से सारी जमीन रेगुलराइज हो जायेगी और व्यवस्था भी बेहतर हो जायेगी. यह तो बेहतर प्रावधान आ रहा है जिसमें लोग अपनी जमीन पर अपना कारोबार या अन्य काम कर सकते हैं. ऐसे में विरोध कर लोगों के बीच गलत संदेश दिया जा रहा है.
आदिवासियों को लोन लेने में राज्य सरकार खुद बने गारंटर
रमेश हांसदा और रमेश नाग ने कहा कि आदिवासी, हरिजन, पिछड़ा व दलितों की जमीन पर किसी तरह का लोन नहीं मिल पाता है. ऐसे में सीएनटी व एसपीटी एक्ट के तहत होम लोन, ट्रेड लोन और एजुकेशन लोन लोगों को आसानी से मिले, इसके लिए प्रयास किया जाये. राज्य सरकार खुद इसके लिए गारंटर की भूमिका निभाये.
निरल समेत कई लोगों ने खरीदी है आदिवासी जमीन, रजिस्ट्री रद्द हो
रमेश हांसदा और रमेश नाग ने कहा कि झामुमो विधायक निरल पूर्ति पश्चिमी सिंहभूम में रहते हैं, लेकिन उन्होंने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए अपने नाम से जमशेदपुर में आदिवासी की जमीन खरीद ली है. जबकि सीएनटी एक्ट में प्रावधान है कि कोई आदिवासी ही आदिवासी की जमीन खरीद सकता है, जो उसी थाना क्षेत्र का रहने वाला हो. लेकिन दूसरे जिले के लोगों ने दूसरे जिले के आदिवासियों की जमीन खरीद ली है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच मुख्यमंत्री करायें ताकि ऐसे लोगों से जमीन वापस लेकर मूल रैयतदारों को लौटायी जाये. यही हाल संथाल परगना का भी है, जहां एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद बिक्री कर कुछ आदिवासी नेता मालामाल हो गये हैं. इसकी जांच की मांग वे मुख्यमंत्री से मिलकर करेंगे.
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