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कंपनी में हादसा, बाइ सिक्स कर्मी की मौत

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स कंपनी परिसर के वर्ल्ड ट्रक जाने के रास्ते में गुरुवार की सुबह 7.30 बजे सेंट्रल बस (संख्या 98) की चपेट में आ जाने से घायल बाइ सिक्स कर्मी (अस्थायी) भूपेंद्र कुमार सिंह (52) की रात 11:30 बजे इलाज के दौरान टीएमएच की सीसीयू में मौत हो गयी. सिर में लगी चाेट […]

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स कंपनी परिसर के वर्ल्ड ट्रक जाने के रास्ते में गुरुवार की सुबह 7.30 बजे सेंट्रल बस (संख्या 98) की चपेट में आ जाने से घायल बाइ सिक्स कर्मी (अस्थायी) भूपेंद्र कुमार सिंह (52) की रात 11:30 बजे इलाज के दौरान टीएमएच की सीसीयू में मौत हो गयी. सिर में लगी चाेट व अत्यधिक खून बह जाने से डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. परिजनों ने देर रात अस्पताल में टाटा मोटर्स प्रबंधन पर आरोप लगाया कि भूपेंद की मौत दोपहर में ही हो गयी थी.
कोई अशांति ने फैले इसलिए रात में मौत की जानकारी दी गयी. टेल्को वर्कर्स यूनियन के दबाव के बाद कंपनी प्रबंधन ने दोपहर तीन बजे भूपेंद्र को आइओडब्लू (इंजर्ड ऑन वर्क) का लाभ देने संबंधित कागजात प्रदान किया. रात नौ बजे के करीब भूपेंद्र की पत्नी मंजू देवी व बड़े पुत्र मुकेश छपरा से टीएमएच पहुंचे थे. सुबह ही ही परिजनों को भूपेंद्र के घायल होने की सूचना मिली थी.
टीएमएच पहुंचे यूनियन नेता, मुआवजा की मांग : बाइ सिक्स कर्मी भूपेंद्र के घायल होने की सूचना मिलते ही टेल्को वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष अमलेश कुमार, महामंत्री प्रकाश सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते सहित यूनियन के सभी ऑफिस बियरर, कई कमेटी मेंबर टीएमएच पहुंचे. दोपहर तक यूनियन के सभी नेता टीएमएच में डटे रहे. इस दौरान अध्यक्ष अमलेश और महामंत्री प्रकाश कुमार ने कंपनी प्रबंधन से उचित मुआवजा देने की मांग की.
जनरल शिफ्ट में ड्यूटी पर आये थे भूपेंद्र
गुरुवार की सुबह भूपेंद्र टाटा मोटर्स कंपनी में जनरल शिफ्ट की ड्यूटी पर आये थे. पंच करके वे वर्ल्ड ट्रक फ्रेम फैक्टरी थर्ड लाइन की ओर जा रहे थे. तभी पारडीह से कंपनी कर्मचारियों को लेकर आ रही सेंट्रल ट्रांसपोर्ट की बस संख्या 98 ने सिग्नल के पहले पीछे से उन्हें टक्कर मार दी.
वे नीचे गिर पड़े. बस में सवार कर्मचारी व बस चालक गुरदीप सिंह आदि उन्हेें उठाकर तुरंत कंट्रोल रूम ले गये. वहां से एंबुलेंस से उन्हें टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया. भूपेंद्र बिहार के छपरा जिले के मुफस्सिल थाना अंतर्गत नेनी ग्राम के निवासी थे. वे अपने पीछे दो पुत्र और दो पुत्री छोड़ गये. बड़ी पुत्री रूबी की शादी हो चुकी है. बाकी तीनों संतानों की शादी नहीं हुई है. बड़े पुत्र ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है.
रक्षा बंधन से पहले पत्नी व बच्चों को छपरा छोड़ आये थे : रक्षा बंधन से पूर्व भूपेंद्र अपनी पत्नी मंजू देवी सहित बच्चों को छपरा (बिहार) छोड़ आये थे. बाइ सिक्स कर्मी भूपेंद्र मनीफिट उड़िया बस्ती में किराये के मकान में रहते थे. वे टाटा मोटर्स कंपनी के वर्ल्ड ट्रक फ्रेम फैक्टरी में पिछले दस साल से कार्यरत थे. पिता स्वर्गीय राम बालक सिंह की जगह भूपेंद्र को टाटा मोटर्स में नौकरी मिली थी, लेकिन से स्थायी नहीं हो पाये थे.

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