बेंगलुरु से लौटकर संजीव भारद्वाज
लाल बत्ती, वीआइपी तामझाम को लेकर एक ओर देश में जोरदार चर्चाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर देश की एक प्रतिष्ठित कंपनी के सीओओ जो आइटी हब कहलानेवाले बेंगलुरु जैसे महानगर में रहते हैं, न केवल अकेले चलते हैं, बल्कि खुद साइकिल चला कर अपने कार्य स्थल तक जाते हैं.
जी हां, बात कर रहे हैं टाटा टाइटन के ज्वेलरी उत्पाद ‘तनिष्क’ के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) सीके वेंकटरमन (सीकेवीआर) की. लगभग 52 वर्षीय सीकेवीआर, जिनके नेतृत्व में कंपनी ने पिछले वर्ष साढ़े नौ हजार करोड़ का कारोबार किया, बड़े पद पर होने के बाद भी रोजाना साइकिल से ही घर से कार्यालय (करीब 10-12 किलोमीटर) आना- जाना करते हैं.
कोई एकबारगी शायद इस पर विश्वास न कर पाये, लेकिन जिन लोगों ने उन्हें देखा है, और उन्हें करीब से जानते हैं, उन्हें अच्छी तरह पता है कि सीकेवीआर जैसे दिखते हैं, वैसे हैं भी. प्रभात खबर संवाददाता से मिलने जब वे बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में पहुंचे तो उनके हाथ में साइकिल वाला हेलमेट और एक हैंडबैग था, जिन्हें देख कुछ अजीब सा लगा. फिर जाते समय जब उनसे पूछा गया कि यह हेलमेट, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘हां मैं साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनना नहीं भूलता.’ सीकेवीआर ने बताया कि उनका मुख्यालय बेंगलुरु के मुख्य स्थान पर है, जबकि उनका घर वहां से करीब चार किलोमीटर दूर. इसलिए वे साइकिल से ही कार्यालय आना-जाना करते हैं. यही नहीं, अगर उन्हें शहर के किसी आयोजन में अकेले शामिल होना हो तो वे साइकिल को ही अपनी प्रिय सवारी के रूप में इस्तेमाल करते हैं.
साइकिल चलाने से फिटनेस तो आती ही है, साथ ही कंपनी के अन्य कर्मचारियों-पदाधिकारियों के साथ घुल-मिलकर रहने का मौका भी मिल जाता है. उनसे पूछा गया कि क्या कोई और बड़ा व्यक्ति ऐसा कर सकता है, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘कुछ करने के लिए किसी वक्त का इंतजार नहीं किया जाता, सिर्फ कर दिखाया जाता है. जो चाह लेगा वह हर काम कर लेगा.’
1990 में टाइटन से जुड़े थे सीकेवीआर
टाइटन इंड्रस्ट्रीज के ज्वेलरी, जो बाजार में तनिष्क के ब्रांड नेम से बाजार में उपलब्ध है, के सीओओ सीके वेंकटरमन को 17 जनवरी 2005 में इस पद पर नियुक्त करने की घोषणा की गयी थी. श्री वेंकटरमन इस वक्त टाइटन एसबीयू के उत्पादन विभाग के प्रमुख भी हैं. आइआइएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएट श्री वेंकटरमन ने 1990 में टाइटन कंपनी में विज्ञापन प्रबंधक के रूप में योगदान किया था. 1994 में इन्हें मार्केटिंग हेड बना दिया गया. इसके बाद 2003 में उन्हें टाइटन ब्रांड का बिजनेस हेड बनाया गया. टाइटन ब्रांड को लोकप्रियता दिलाने में इनका अहम योगदान रहा है. इन्हें की-कंट्रीब्यूटर की उपाधि दी गयी है. टाइटन ने भारतीय बाजार में कई चुनौतियों का सामना करते हुए खुद को ग्लोबल मार्केट में स्थापित किया. बीएससी मैथेमेक्टिस और प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा होल्डर सीके वेंकेटरमन ने एमएए बोजेल और मुद्रा कम्युनिकेशंश में पांच साल काम किया है.