अदालत ने रेखा देवी को चार दिनों पहले दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लिया था. फैसला की तारीख 5 सितंबर को तय की गयी थी. पुलिस ने आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए परिवार के सदस्यों के अलावा कुल छह लोगों की गवाही हुई. सभी ने मामले के पक्ष में गवाही दी. टेल्को थाने में अपहृत के पिता प्रमोद जायसवाल के बयान पर बेगूसराय के धसकपुर निवासी नरेश राय, बिटू राय, मनोज राय, भरत राय, पप्पू राय तथा मुगनी के खिलाफ 22 अगस्त 2011 को मामला दर्ज कराया था.
दर्ज मामले के मुताबिक घटना की सुबह में आनंद कुमार घर के सामने खेल रहा था. इस बीच आनंद कुमार गायब हो गया. काफी खोजबीन के बाद नहीं मिला तो सभी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया गया. पुलिस को प्रमोद ने बताया कि गांव बेगूसराय में जमीन को लेकर शत्रुघ्न राय से दो वर्ष पूर्व विवाद हुआ था. घटना के दो दिनों बाद प्रमोद जायसवाल के घर के पास एक लेटर फेंका गया था, जिसमें बच्चे के अपहरण की बात स्वीकार करते हुए रुपये मांगे गये थे. रुपये नहीं देने पर बच्चे की हत्या करने की बात कही गयी थी. टेल्को पुलिस ने छानबीन में पाया था कि बच्चे का अपहरण प्रमोद जायसवाल के रिश्तेदार रेखा देवी ने अपने नाबालिग दूसरे पति के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने बच्चे को नालंदा में रेखा देवी के घर से बरामद किया था.