जमशेदपुर. टाटा स्टील में बोनस समझौता होने जा रहा है. समझौते को लेकर दो राउंड की हुई वार्ता में मैनेजमेंट ने इस बार टाटा स्टील (इंडिया) को कुल 4901 करोड़ रुपये मुनाफा होने की बात बतायी है, जिसमें से 3507 करोड़ रुपये का मुनाफा टाटा मोटर्स, टाटा पावर, स्टील स्ट्रिप्स जैसी कई कंपनियों के शेयर बेचे जाने के बाद दर्ज हुआ है.
तय फाॅर्मूला के तहत भारतीय ऑपरेशन के कुल मुनाफे (सारी देनदारी व परिसंपत्तियों की बिक्री से हुई आमदनी को घटाने के बाद) पर 1.5 फीसदी राशि बोनस के रूप में मिलेगी. इसके अलावा प्रोडक्टिविटी और सेफ्टी पर भी बोनस की राशि फाॅर्मूला में तय है. मैनेजमेंट ने बताया है कि कंपनी द्वारा शेयरों की बिक्री सेल ऑफ एसेट्स के दायरे में आती है, जिसकी 3507 रुपये की राशि मुनाफे के 4901 करोड़ रुपये में से घटायी जायेगी. इसके बाद बचे 1540 करोड़ रुपये पर ही बोनस की राशि तय होगी. इसके अलावा सेफ्टी व प्रोडक्टिविटी को देखते हुए कुल बोनस योग्य राशि 107.1 करोड़ रुपये हो जाती है.
लेकिन इस मामले में अगर यूनियन दबाव बनाते हुए कहती है कि चूंकि शेयर की खरीद टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट से हुए मुनाफे से ही की गयी थी, इस कारण उसमें मजदूरों को भी हिस्सा मिलना चाहिए. दूसरी ओर कंपनी की ओर से बैलेंस शीट में रॉयल्टी के रूप में 880 करोड़ रुपये जमा दिखाये गये हैं, जिसका इस साल भुगतान किया जायेगा. ऐसे में उसे भी जोड़ दें तो कुल राशि अतिरिक्त 4387 करोड़ रुपये हो जायेगी, जिसके 1.5 फीसदी पर बोनस की राशि 65.80 करोड़ रुपये हो जाती है. इसे 107.1 करोड़ रुपये में जोड़ दिया जाय तो बोनस की राशि 172.90 करोड़ रुपये हो जायेगी. गौरतलब है कि टाटा स्टील में पिछले साल 154 करोड़ रुपये ही बंटे थे, जिसमें इस वर्ष बोनस के रूप में अतिरिक्त 18.90 करोड़ रुपये तय होंगे.