जिनकी उम्र 55 साल तक है, उन्हें इसका लाभ दिया जायेगा. पांच साल नौकरी शेष रहने वालों को भी इएसएस का लाभ दिया जायेगा. कर्मचारियों को एकमुश्त राशि दी जायेगी. लोगों को बेसिक व डीए जो वर्तमान में मिल रहा होगा, हर माह मिलता रहेगा. टाटा स्टील की नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ स्कीम में कोई भी पुराना वेतनमान पाने वाला कर्मचारी अपने बेटे को भरती करा सकता है.
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इसी माह आयेगी इएसएस नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ
जमशेदपुर : टाटा स्टील में एक साथ नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ व अर्ली सेपरेशन स्कीम (इएसएस) लायी जायेंगी. इसी माह के अंत में इन्हें लॉन्च करने की तैयारी है. नाम ‘सुनहरा भविष्य’ ही रहने दिया गया है. इसके तहत कर्मचारियों को मोटिवेट किया जायेगा, ताकि वे खुद नौकरी को छोड़ दें. हालांकि, इसके लिए उन्हें […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील में एक साथ नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ व अर्ली सेपरेशन स्कीम (इएसएस) लायी जायेंगी. इसी माह के अंत में इन्हें लॉन्च करने की तैयारी है. नाम ‘सुनहरा भविष्य’ ही रहने दिया गया है. इसके तहत कर्मचारियों को मोटिवेट किया जायेगा, ताकि वे खुद नौकरी को छोड़ दें. हालांकि, इसके लिए उन्हें पुराना पैकेज ही दिया जायेगा.
कर्मचारी पुत्रों के लिए नया वेतनमान तय कर दिया जायेगा. उनकी एनएस ग्रेड में बहाली होगी. दूसरी ओर, इएसएस के तहत उन कर्मचारियों को नौकरी छोड़ना पड़ सकता है, जो सर्विसेज पुल में हैं. उनकी संख्या कम करने की कवायद की जा रही है. टाटा स्टील चाहती है कि कंपनी की उत्पादकता बढ़ायी जाये. कंपनी की ओर से तय मिशन के तहत टाटा स्टील के 6.8 मिलियन टन वाले पुराने प्लांट की अपेक्षा तीन मिलियन टन के नये प्लांट में प्रति कर्मचारी उत्पादकता ज्यादा करनी है. वर्ष 2015 में कर्मचारी/सलाना/टन जो उत्पादकता 623 थी, उसे वर्ष 2021 तक बढ़ाकर 1500 करने की बात कही जा रही है. नये प्लांट में जहां एक फर्नेस संचालित है, वहीं पुराने प्लांट में चार हैं.
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