पिछली बार के समझौते के मुताबिक, कर्मचारियों को अधिकतम 30,221 रुपये और न्यूनतम 14,135 रुपये बोनस की राशि मिली थी, जबकि 24,500 रुपये औसतन बोनस कर्मचारियों को मिला था. बोनस के दस फीसदी में वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बेसिक, डीए, पीपी का 8.33 फीसदी की राशि थी, जबकि उसके बाद की राशि एक्सग्रेसिया शामिल की गयी थी, जो कर्मचारियों के 2015-2016 में किये गये बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए दिया गया था. इससे पहले 2014-2015 में कर्मचारी को साल भर में मिले बेसिक, पर्सनल पे, डीए पर मिलेगा 10 फीसदी बोनस दिया गया था.
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टाटा मोटर्स: टेल्को वर्कर्स यूनियन ने मैनेजमेंट को भेजा प्रस्ताव 18% बोनस, 500 स्थायी की उम्मीद
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में इस बार 18 फीसदी तक बोनस जाने की उम्मीद है. चूंकि, पिछले साल से बेहतर कारोबार कंपनी ने किया है और उत्पादन भी बेहतर मजदूरों ने किया है, इस कारण यह उम्मीद की जा रही है. इसको लेकर टाटा मोटर्स प्रबंधन को टेल्को वर्कर्स यूनियन ने प्रस्ताव भेज दिया है. इसके […]
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में इस बार 18 फीसदी तक बोनस जाने की उम्मीद है. चूंकि, पिछले साल से बेहतर कारोबार कंपनी ने किया है और उत्पादन भी बेहतर मजदूरों ने किया है, इस कारण यह उम्मीद की जा रही है. इसको लेकर टाटा मोटर्स प्रबंधन को टेल्को वर्कर्स यूनियन ने प्रस्ताव भेज दिया है. इसके साथ ही स्थायीकरण को लेकर भी यूनियन की ओर से प्रस्ताव दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दिलायी जा सके. बताया जाता है कि करीब पांच सौ से अधिक लोगों का स्थायीकरण किया जायेगा, जिसके लिए अभी से ही यूनियन प्रयासरत है.
2015 में मिला था 10 फीसदी बोनस, 321 हुए थे स्थायी. विपरीत परिस्थितियों और घाटे के बीच टाटा मोटर्स में दस फीसदी बोनस कर्मचारियों को दिया गया था. इसके अलावा 321 कर्मचारियों का स्थायीकरण भी हुआ था. मजदूर नेता गोपेश्वर के नक्शे कदम पर यूनियन आगे बढ़ती गयी है और लगातार बोनस समझौते के साथ स्थायीकरण हुआ है.
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