जमशेदपुर:सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की. उनकी यह मुलाकात लगभग 40 मिनट तक चली. इस दौरान उन्होंने जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र (पूर्वी सिंहभूम) के अनेक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषयों को उनके समक्ष रखा और इसके समाधान के लिए उनका सहयोग मांगा. इन […]
जमशेदपुर:सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की. उनकी यह मुलाकात लगभग 40 मिनट तक चली. इस दौरान उन्होंने जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र (पूर्वी सिंहभूम) के अनेक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषयों को उनके समक्ष रखा और इसके समाधान के लिए उनका सहयोग मांगा.
इन विषयों में मुख्य रूप से जमशेदपुर के आसपास न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने का अनुरोध किया और इस संबंध में एक पत्र भी उन्हें सौंपा और कहा कि जादूगोड़ा और उसके आसपास प्रचुर मात्रा में यूरेनियम उपलब्ध है, जिसके आधार पर यहां पर एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाया जा सकता है और इस संपूर्ण आदिवासी बहुल क्षेत्र का संपूर्ण विकास हो सकता है.
इस संबंध में उन्होंने परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष शेखर बसु द्वारा वक्तव्य का हवाला भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि जमशेदपुर के जादूगोड़ा, मुसाबनी या घाटशिला में जमीन उपलब्ध हो, तो न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित किया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने जमशेदपुर में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना एक आइआइटी या ट्रिपल आइटी कॉलेज और एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की भी मांग की. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में एक अत्याधुनिक अस्पताल की स्थापना की जाये, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक एयरपोर्ट की स्थापना की जाये. इस संबंध में प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि जल्द ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और इस संबंध में आवश्यक कदम यथाशीघ्र उठाये जायेंगे. रेल संबंधी मांगों में उन्होंने तीन रेलवे लाइनों को प्राथमिकता के आधार पर चालू कराने की मांग की, जिसमें चांडिल बंदोया होते हुए झाड़ग्राम तक, चाकुलिया से बहरागोड़ा होते हुए बुड़ामारा से बांगरीपोसी तक, कांड्रा से रांची तक. इन लाइनों का सर्वे और डीपीआर का काम हो चुका है.
इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि यूसिल के जादूगोड़ा खान को दो साल से और एचसीएल के केंदाडीह खान को वन एवं पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण बंद है और धोबनी, किसनीगढ़िया, पाथरगोड़ा, रामचंद्रपुर, कुदादा, ब्यांगबिल खानों का नीलामी नहीं होने के कारण खान चालू नहीं हो पा रहा है. इन सभी परियोजनाओ के चालू होने पर इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लगभग 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगी. प्रधानमंत्री ने सभी विषयों को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए सांसद श्री महतो को आश्वस्त किया कि उनके स्तर पर इन सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्रवाई की जायेगी और इसका शीघ्र परिणाम देखने को मिलेगा. इन सभी मांगों को लेकर सांसद विद्युत महतो ने प्रधानमंत्री को तीन मांग पत्र सौंपे.