जमशेदपुर:बिष्टुपर व साकची में बैंक से रुपये निकालकर ले जाने के दौरान उनका पीछा कर पिछले एक वर्ष में जितनी भी छिनतई की घटनाएं हुई, उन सभी घटना को अंजाम बिहार के कटिहार जिले के कोढ़ा गांव में रहने वाला गिरोह अंजाम दे रहा था. पुलिस ने इस गिरोह के एक सदस्य प्रेम यादव को गिरफ्तार किया है. प्रेम यादव सभी घटना में बाइक चलाने का काम करता था. प्रेम यादव भीड़ में स्पीड बाइक चलाने और पकड़े जाने पर वहां से कैसे बचकर निकला जाये, इसमें महारथ हासिल है.
इसी घटना में पुलिस उसके साथी नीरज यादव, सोनू यादव, पप्पू यादव, सब्बीत यादव, रवींद्र यादव तथा कामदेव यादव उर्फ कम्मो की तलाश में है. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक भी जब्त कर ली है. इसकी जानकारी एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को दी. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस की टीम को गैंग के सदस्य को पकड़ने में चौथी बार में सफलता मिली है. इससे पूर्व भी टीम कटिहार गयी थी, लेकिन कोढ़ा गांव की महिलाओं ने पुलिस पर शराब की बोतलों व पत्थर से हमला किया था. गिरफ्तार प्रेम यादव कई बार जेल जा चुका है.
कई सदस्य रामगढ़ व बिहार शरीफ के जेल में बंद हैं. इस बार टीम ने प्रेम यादव को घर से निकलकर कुछ दूरी पर बाइक से भागने के क्रम में पीछा कर पकड़ा. पुलिस टीम में गोलमुरी थाना प्रभारी श्रीनिवास, बिष्टुपुर थाना प्रभारी अनुज कुमार, कदमा थाना प्रभारी अनिमेष गुप्ता, ट्रैफिक थाना प्रभारी राजेश तथा बिष्टुपुर थाना के दारोगा चितरंजन मिश्रा का योगदान है. इस मौके पर सिटी एसपी प्रशांत आनंद भी मौजूद थे.
घटना को अंजाम देकर बाइक को ट्रेन या बस से कटिहार ले जाते थे. कटिहार का छिनतई गिरोह घटना को जिस बाइक से अंजाम देता था उसे सड़क मार्ग से रांची तक ले जाने के बाद ट्रेन या बस पर लोडकर कटिहार अपने गांव कोढ़ा ले जाते था, जिसके कारण पुलिस को बाइक का पता नहीं चल पाता था. खुजली पाउडर का भी गिरोह करता है इस्तेमाल. एसएसपी ने बताया कि बिष्टुपुर में सेफ राइटर कंपनी के गार्ड को खुजली पाउडर फेंककर 22 लाख रुपये का बैग तथा काशीडीह में घर के पास डिग्गी से दो लाख रुपये छिनतई की घटना में भी खुजली पाउडर का इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा गिरोह के सदस्य बिष्कुट खाकर कपड़ों पर थूककर, गाड़ी का शीशा तोड़कर तथा सड़क पर नोट गिरा ध्यान भटका कर रुपये का बैग उड़ाने का काम करता था. एसएसपी ने बताया कि गांव के 10 से लेकर 20 वर्ष तक के बच्चों को स्पीड बाइक चलाकर भागने तथा पकड़े जाने पर स्वयं को बचाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
जुगसलाई के लॉज में आकर ठहरता था गिरोह
एसएसपी ने बताया कि कटिहार के कोढ़ा गांव का छिनतई करने वाला गैंग जुगसलाई के एक लॉज में आकर ठहरता था. पुलिस ने लॉज में जाकर वहां का रजिस्ट्रर खंगाला. उन्होंने बताया कि लॉज में वह फेक नाम व पता लिखवा कर रहते थे. इसके अलावा पुलिस द्वारा जहां भी पकड़े गये, वहां पर गिरोह के सदस्य सिर्फ अपना नाम सही बताते हैं और फिर पिता का नाम और पता गलत बताया करते हैं. इससे फायदा यह होता है कि एक बार जेल से बाहर निकलने के बाद दोबारा वह कोर्ट नहीं जाते और पुलिस भी दोबारा उन तक पहुंच नहीं पाती है.
बैंक में रेकी, मोबाइल से रहते थे संपर्क में
एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने बताया है कि गिरोह के सदस्य शहर में आकर ठहरते थे. सात की संख्या में गिरोह में शामिल युवक की आयू 12 वर्ष से लेकर 20 वर्ष तक है. गिरोह के कुछ सदस्य बैंक के अंदर जाते और फिर रुपये जमा करने का एक आवेदन फॉर्म भरकर कतार में खड़ा हो जाते थे. इसी दौरान वह ऐसी व्यक्ति की रेकी करते थे, जो मोटी रकम निकालकर ले जा रहे हैं. उनकी वस्तुस्थिति को पूरी तरह से भांपने के बाद व्यक्ति के बैंक से निकलने की जानकारी मोबाइल फोन द्वारा बाहर में खड़े गिरोह के सदस्य को देते. इसके बाद बाहर में खड़े युवक व्यक्ति का पीछा कर मौका पाकर रुपये का बैग छिनतई कर फरार हो जाता था.
छिनतई के रुपये से वेलफेयर फंड
गिरफ्तार प्रेम यादव ने पुलिस को बताया है कि कटिहार के कोढ़ा गांव में लगभग साढ़े तीन सौ परिवार इस धंधे से जुड़े हैं. घुम-घुमकर पूरे देश में छिनतई की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. छिनतई का एक हिस्सा गांव द्वारा गठित वेलफेयर फंड में जमा होता है और शेष राशि सदस्य आपस में बांट लेते हैं. राजस्थान से बंजारा जाति के लोग कटिहार के कोढ़ा गांव में आकर बसे हैं. गांव में किसी के पकड़े जाने पर उसे छुड़ाने और परिवार की मदद के लिए बैठक कर रणनीति बनायी जाती है. जमानत से लेकर अन्य सभी खर्च वेलफेयर फंड से किया जाता है. गांव में रहने वाली महिलाएं शराब का सेवन करती है. महिलाएं ही घर से बाहर निकलकर घरेलू सामान व बाजार करती है, ताकि सदस्य तक पुलिस पहुंच न पाये. गांव का मार्ग संकरा है, जिससे पुलिस को भीतर जाने में परेशानी होती है. गांव की महिलाएं हमला भी करती है.