12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शिकंजा: प्राइवेट स्कूल में कंपनियों का कितना कोटा

जमशेदपुर: शहर के प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी की गयी है. जिला प्रशासन ने गुरुवार को सभी स्कूलों को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में प्राइवेट स्कूलों से पूछा गया है कि बतायें कि आखिर आपके स्कूल में कोटे की कितनी सीट है. कुल सीट में किस कंपनी को कितनी सीटें दी […]

जमशेदपुर: शहर के प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी की गयी है. जिला प्रशासन ने गुरुवार को सभी स्कूलों को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में प्राइवेट स्कूलों से पूछा गया है कि बतायें कि आखिर आपके स्कूल में कोटे की कितनी सीट है. कुल सीट में किस कंपनी को कितनी सीटें दी जाती हैं, कोटे के सीट में दाखिला लेने की प्रक्रिया समेत कई अन्य जानकारी मांगी गयी है.

जिला आरटीइ सेल की अोर से उक्त पत्र को भेजे जाने के साथ ही यह भी कहा गया है कि सप्ताहभर के भीतर ही कोटे की सीट पर दाखिले के संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध करवायी जाये. गौरतलब है कि शहर में कई ऐसे भी निजी स्कूल हैं, जहां टाटा स्टील के अलावा इससे जुड़ी कई कंपनियों के लिए कोटा फिक्स है. कुछ कंपनियों में 10 फीसदी तक सीट ही सिर्फ सामान्य उम्मीदवारों के लिए ही है, जबकि अल्पसंख्यक स्कूलों में अल्पसंख्यक समुदाय कोटा, टाटा स्टील कोटा, मैनेजमेंट कोटा के बाद काफी कम संख्या में सीटें बचती है, जिससे सामान्य उम्मीदवारों का दाखिला नहीं हो पाता है. उक्त सीटों की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन की अोर से कोटा को लेकर कदम उठाये जायेंगे.

टाटा लीज की जमीन पर हैं, तो कैसे हैं अनएडेड प्राइवेट स्कूल
जिला प्रशासन की अोर से शहर के निजी स्कूलों पर लगाम लगाने की दिशा में पुरजोर कदम उठाया जा रहा है. जिला प्रशासन की अोर से सभी निजी स्कूलों को यह साबित करने को कहा गया है कि आखिर वे कैसे अनएडेड प्राइवेट स्कूल हैं, इसे वे बतायें. अनएडेड होने का क्या फाॅर्मूला उन्होंने सेट कर रखा है, उसे भी सार्वजनिक करने को कहा गया है. अब तक शहर के निजी स्कूल खुद को अनएडेड प्राइवेट स्कूल की संज्ञा देते रहे हैं. दलील दी जाती रही है कि सरकार की अोर से किसी प्रकार की कोई मदद उन्हें नहीं मिलती है, इसी वजह से वे सरकार के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं. अल्पसंख्यक स्कूलों ने इसी आधार पर आरटीइ के तहत 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों का दाखिला भी नहीं लेते हैं.

लेकिन पिछले दिनों उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन सेंटर फॉर एक्सीलेंस में किया गया था. इसमें उन्होंने भारतीय संविधान की एक प्रति भी सभी प्राइवेट स्कूलों के संचालकों को उपलब्ध करवाया था, जिसमें साफ तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया था कि अगर वे लीज की जमीन पर हैं, तो वे परोक्ष रूप से सरकार की सुविधा का लाभ ले रहे हैं, क्योंकि जमीन सरकार की है अौर टाटा स्टील को सरकार ने सस्ती दर पर जमीन दी अौर उस जमीन को टाटा स्टील ने निजी स्कूल को सिर्फ एक रुपये में दे दिया. परोक्ष रूप से निजी स्कूल सरकार की जमीन पर ही बने हैं.

जमीन का असली मालिक सरकार है. इस कारण वे अनएडेड के बजाये एडेड स्कूल हैं. इस पर दो स्कूलों (डीएवी बिष्टुपुर अौर केएसएमएस) ने अपने स्तर से आपत्ति दर्ज की थी, लेकिन अब सभी को कहा जा रहा है कि वे साबित करें कि वे कैसे अनएडेड हैं. इस पत्र के बाद शहर के प्राइवेट स्कूलों में खलबली मचने की उम्मीद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें