जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल के आइसीयू में धोबनी (लाइनडीह) मुसाबनी निवासी रामदास मांझी की इलाज के दौरान मौत हो गयी. वह तीन माह से आइसीयू में इलाजरत था. परिजन जहां रामदास की मौत सिलिकोसिस से होने की बात कह रहे हैं, वहीं डॉक्टर टीबी को मौैत का कारण बता रहे हैं
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एमजीएम अस्पताल: डॉक्टर बता रहे मौत का कारण टीबी, सिलिकोसिस पीड़ित की मौत
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल के आइसीयू में धोबनी (लाइनडीह) मुसाबनी निवासी रामदास मांझी की इलाज के दौरान मौत हो गयी. वह तीन माह से आइसीयू में इलाजरत था. परिजन जहां रामदास की मौत सिलिकोसिस से होने की बात कह रहे हैं, वहीं डॉक्टर टीबी को मौैत का कारण बता रहे हैं इधर, परिजनों ने सिलिकोसिस से […]
इधर, परिजनों ने सिलिकोसिस से मौत होने की बात लिख कर देने की मांग की है, अन्यथा शव को उठाने से इनकार किया है. वहीं डीसी से शव के पोस्टमॉर्टम की मांग भी की है.
क्या है मामला. मृतक के भाई रमेश मांझी ने बताया कि रामदास मांझी 10 साल से क्रशर मशीन पर काम कर रहा था. उसी दौरान उसकी तबीयत खराब हो गयी. जांच कराने पर उसे सिलिकोसिस से पीड़ित पाया गया. अप्रैल में तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उसे इलाज के लिए एमजीएम में भरती किया गया, जहां रविवार को उसकी मौत हो गयी. वहीं डॉक्टरों द्वारा अब टीबी से मौत की बात बतायी जा रही है. रमेश मांझी ने बताया कि जब तक डॉक्टर द्वारा सिलिकोसिस से मौत होने की बात लिखकर नहीं दी जायेगी, तब तक वे शव नहीं उठायेंगे. इस संबंध में उसके घर वालों ने डीसी को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम कराने की मांग की है. अगर डीसी आदेश देते हैं, तो उसका पोस्टमार्टम कराया जायेगा.
रामदास 23 मई को मेरी यूनिट में भर्ती हुआ. इससे पहले दूसरे डॉक्टर उसे देख रहे थे. मरीज को टीबी है इसके साथ सिलिकोसिस हो सकता है- इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. परिजनों को रांची ले जाकर इसकी जांच कराने को कहा गया, लेकिन वे लोग नहीं ले जा सके. जांच रिपोर्ट नहीं होने के कारण सिलिकोसिस की पुष्टि नहीं की जा सकती है. वैसे पोस्टमार्टम कराने से साफ हो जायेगा कि सिलिकोसिस है या नहीं.
डॉ एस के सिंह, एमजीएम अस्पताल
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