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नहीं रहे वीरचक्र श्रीपति सिंह

कर चले हम फिदा जान-आे-तन साथियों … आरा में हुआ छोटे भाई के साथ अंतिम संस्कार जमशेदपुर : 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दाे एयरक्राफ्ट काे मार गिराने वाले वीरचक्र श्रीपति सिंह का शनिवार काे निधन हाे गया. आठ दिनाें से टीएमएच में भरती श्रीपति सिंह ने शनिवार सुबह 8.20 बजे अंतिम सांस ली. […]

कर चले हम फिदा जान-आे-तन साथियों …
आरा में हुआ छोटे भाई के साथ अंतिम संस्कार
जमशेदपुर : 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दाे एयरक्राफ्ट काे मार गिराने वाले वीरचक्र श्रीपति सिंह का शनिवार काे निधन हाे गया. आठ दिनाें से टीएमएच में भरती श्रीपति सिंह ने शनिवार सुबह 8.20 बजे अंतिम सांस ली. वे 74 वर्ष के थे.सीसीयू के बाहर उनके पुत्र रामप्रसाद सिंह, डॉ आरबी सिंह के अलावा उनके परिवार के कई लोग माैजूद थे.
तिरंगा में लिपटे श्रीपति के पार्थिव शरीर को मदरसा फैजुल उलूम की एंबुलेंस से बिहार स्थित भोजपुर जिले के पिटराे टेह पीराे पैतृक गांव ले जाया गया. श्रीपति सिंह के छोटे भाई का दाे दिन पहले निधन हुआ था.
देर रात दाेनाें भाइयाें की अंतिम यात्रा एक साथ निकली. बिरसानगर केनरा बैंक के पास रहनेवाले श्रीपति सिंह की तबीयत पिछले दिनाें अचानक बिगड़ गयी थी आैर वे काेमा में चले गये थे. पठानकाेट में उनके नाम से 26 एडी वीर चक्र श्रीपति सिंह रेजीमेंट है.
उनकी तबीयत खराब हाेने की जानकारी मिलने पर 26 एडी रेजीमेंट के कमांडेंट ने दाे जवानाें काे उनकी देखरेख के लिए जमशेदपुर भेजा था. उन्हें बेहतर इलाज के लिए सेना या देश के किसी बड़े अस्पताल में शिफ्ट करने की याेजना रेजीमेंट द्वारा बनायी जा रही थी, लेकिन लगातार गिरते बीपी के कारण डॉक्टराें ने सीसीयू से बाहर निकालने का रिस्क नहीं लिया.
मंत्री सरयू राय ने दी श्रद्धांजलि
जमशेदपुर. मंत्री सरयू राय ने टीएमएच शीतगृह के पास श्रीपति सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. साेनारी आर्मी कैंप के लेफ्टिनेंट कर्नल साैरव नथानी व मेजर बनर्जी की टीम ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये. भाजपा नेता अमरप्रीत सिंह काले, कांग्रेस के नेता आनंद बिहारी दुबे, भाजपा महानगर अध्यक्ष नंदजी प्रसाद, भाजयुमाे के विकास सिंह, नीरज सिंह, राजू मारवाह के अलावा अन्य शहरवासियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व सैनिक सेवा परिषद की आेर से संगठन महामंत्री वरुण कुमार, सुशील सिंह, मनाेज ठाकुर, सत्येंद्र सिंह, माेहम्मद जावेद हुसैन, सीपी सिंह, चंद्र माधव सिंह, सागर तिवारी, कमल शुक्ला, अवधेश कुमार, प्रमाेद कुमार, जितेंद्र सिंह आदि ने श्रद्धांजलि दी.
इंदिरा गयी थीं घायल श्रीपति का हाल जानने जालंधर
1965 आैर 1971 के दाे युद्ध लड़ चुके श्रीपति सिंह की वीरता की कायल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी थीं. उनके असीम साहस के लिए 1972 में तत्कालीन राष्ट्रपति बीबी गिरि ने उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया था.1971 युद्ध के हीरो श्रीपति सिंह की जांबाजी पर पूरा देश फिदा था, चकाचाैंध से दूर अपने बिरसानगर स्थित आवास में रह रहे थे. 1993 में सेवानिवृत्ति के बाद से जमशेदपुर में शिफ्ट हाे गये थे.
आर्मी की 502 एयर डिफेंस ग्रुप में रडार ऑपरेटर श्रीपति सिंह की बहादुरी की कायल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे मिलकर बधाई दी आैर हाैसला बढ़ाया था. वीर चक्र विजेता श्रीपति सिंह पर पाकिस्तान के तीसरे एयरक्राफ्ट ने निशाना बना कर फायर किया था, जिसमें तीन गोलियां उनके शरीर में लगी थीं. उन्हें सेना के डॉक्टराें ने मृत घोषित कर शरीर काे शीतगृह में रखवा दिया. पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि वे जिंदा हैं. युद्ध समाप्ति के बाद इंदिरा गांधी खुद उनसे मिलने जालंधर हॉस्पिटल पहुंची, जहां उनके लिए वे रसगुल्ले लेकर आयी थीं.
50 हजार का बिल देने के बाद मिला शव
श्रीपति सिंह के इलाज में करीब 84 हजार रुपये का खर्च आया था. उनके निधन के बाद परिवार के लाेगाें काे पहले बकाया भुगतान करने काे कहा गया. इसके बाद उनके पुत्र ने पचास हजार रुपये का बकाया भुगतान किया. उनके परिवार के सदस्याेें काे किसी ने सूचित किया था कि वीरचक्र का बिल माफ हाे जायेगा, इसलिए उन्हाेंने पैसे जमा नहीं कराये थे. वरुण कुमार ने कहा कि श्रीपति सिंह के कैशलेस इलाज की व्यवस्था साेनारी आर्मी कैंप के इसीएचएस आैर टाटा प्रबंधन ने नहीं की. इस मामले काे संगठन रक्षा मंत्री तक ले जायेगा.

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