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मूल्यांकन में सुधार करें
कार्यशाला : पार्ट थ्री के मूल्यांकन के पहले दिन परीक्षकों से बोले वीसी स्नातक पार्ट थ्री की कॉपियों का मूल्यांकन आज से जमशेदपुर : पिछली बार मूल्यांकन कार्य बहुत ही कैजुअल तरीके से हुआ. कई शिकायतें व गड़बड़ियां प्रकाश में आयीं. विरोध-प्रदर्शन झेलना पड़ा. इस बार परीक्षार्थियों को शिकायत का मौका न मिले. उन्हें वर्षों […]
कार्यशाला : पार्ट थ्री के मूल्यांकन के पहले दिन परीक्षकों से बोले वीसी
स्नातक पार्ट थ्री की कॉपियों का मूल्यांकन आज से
जमशेदपुर : पिछली बार मूल्यांकन कार्य बहुत ही कैजुअल तरीके से हुआ. कई शिकायतें व गड़बड़ियां प्रकाश में आयीं. विरोध-प्रदर्शन झेलना पड़ा. इस बार परीक्षार्थियों को शिकायत का मौका न मिले. उन्हें वर्षों की मेहनत का यथोचित फल मिले, अत: मूल्यांकन के स्तर में सुधार करें. पहले नीति तय कर लें, फिर कॉपियों का मूल्यांकन आरंभ करें. यह बात कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने कही. वह शनिवार को स्नातक पार्ट थ्री परीक्षा के मूल्यांकन कार्य के प्रथम दिन परीक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
15 दिन में रिजल्ट, राज्यपाल करेंगी जारी : डॉ सिंह ने बताया कि परीक्षा समाप्त होने के बाद 15 दिनों के अंदर रिजल्ट का प्रकाशन करने का लक्ष्य है. विश्वविद्यालय ने राज्यपाल सह कुलाधिपति को भी इस संबंध में विश्वास दिलाया है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू रिजल्ट ऑनलाइन जारी करेंगी.
दर्द बांटने आया हूं, आपकी हर गलती मेरी गलती : कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि वह कार्यशाला में पिछली गड़बड़ियों का दर्द बांटने आये हैं. शिक्षकों या परीक्षकों की गलती को वह अपनी गलती मानते हैं, क्योंकि इसके लिए उन्हें जवाब देना पड़ता है. पिछली बार फिजिक्स की 93 कॉपियों पर शिकायत मिली. इनमें से 57 कॉपियों गड़बड़ी पायी गयी. करीब 10-12 ऐसे कॉपियां मिलीं, जिनमें ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों को सही उत्तर को भी काट (गलत) दिया गया था.
इन कॉपियों को एक शिक्षक ने जांचा था, जो अब सेवानिवृत्त हैं. डॉ सिंह ने कहा कि बच्चों को सिलेबस या किसी प्रश्न का उत्तर पता नहीं है, तो यह इसके लिए बच्चे नहीं, बल्कि शिक्षक जिम्मेवार हैं.
कार्यशाला में ये थे उपस्थित : केयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ पीके पाणि, केंद्र निदेशक व वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ शुक्ला महांती, डॉ पूर्णिमा कुमार, को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ एसएश रजी, डॉ एके सिन्हा, ग्रेजुएट कॉलेज की डॉ उषा शुक्ल, डॉ एसएन पांडेय व अन्य.
परीक्षकों को मिलेगा अर्न लीव : कार्यशाला में विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि मूल्यांकन कार्य में योगदान कर रहे परीक्षकों को अर्न लीव का लाभ मिलेगा. नियमानुसार 15 दिन से अधिक दिन छुट्टी में कार्य करने पर 30 दिन तक का अर्न लीव मिलेगा.
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