इसके चेयरमैन के तौर पर आशीष कालिया और सदस्य डॉ शशांक सक्सेना को पदस्थापित किया गया है, जो मामले की सुनवाई करेंगे. इस आवेदन के साथ ही केबुल कंपनी को लेकर टाटा स्टील और यूनियन ने दिल्ली हाइकोर्ट की ओर से दिये गये फैसले की कॉपी भी दी है, जिसमें बायफर द्वारा टाटा स्टील को सफलतम प्रोपराइटर बनाये जाने को वाजिब ठहराया गया है.
दूसरी ओर, आरआर केबुल की ओर से दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गयी है. इसमें कहा गया है कि जो दिल्ली हाइकोर्ट का फैसला न्याय संगत नहीं है. अभी यह केस एडमिट की स्थिति में है. केस एडमिट हो जायेगा तो सुनवाई होगी, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले ही एडमिट करने से इनकार हो गया तो फिर किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं होगी और टाटा स्टील के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो जायेगा.