जमशेदपुर: शहर में छह बच्चे ऐसे हैं, जिनको भारतीय नागरिकता नहीं मिल पायी है. इन छह में से चार बच्चे जुड़वा हैं, जो विदेशों में जन्में हैं. इन्हें पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआइओ) का लाइसेंस दिया गया है और ये अपने परिवार और माता-पिता के साथ रह पा रहे हैं. ऐसे बच्चों को रहने में खास दिक्कत तो नहीं है, लेकिन विदेशों में हुई इन बच्चों की पैदाइश के कारण यह हालात उत्पन्न हुए हैं.
कदमा विजया हेरिटेज के रहने वाले श्री गुज्योतिकर के जुड़वे बेटे भी अमेरिका में ही पैदा हुए. 2011 में उनका जन्म अमेरिका में तब हुआ, जब वे लोग यूएस में घूमने गये थे. दोनों बच्चों का नाम अरनव और आर्यन रखा गया. इनकी भी मुश्किल यहीं थी कि बच्चे को भारत लाना मुश्किल था. बाद में भारतीय दूतावास की मदद से वर्ष 2026 तक इनको पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन का लाइसेंस दिया गया, जिसके बाद वे लोग अभी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं.
ऐसे कई अन्य केस हैं, जिनमें माता-पिता भारतीय नागरिक होते हुए भी, उनके बच्चों को सिर्फ इसलिए भारतीय नागरिकता नहीं मिल पा रही है, क्योंकि वे लोग दूसरे देशों में जन्म ले चुके हैं. बच्चों के माता-पिता को यह अफसोस जरूर है कि वे लोग तो भारतीय है, लेकिन उनके बच्चे पूरी तरह से भारतीय नहीं कहे जा सकते हैं.