रिटारमेंट के बाद भी अॉफिसर ग्रेड में एक्सटेंशन दिये जाने से कंपनी पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. जबकि कर्मचािरयों का ग्रेड रिवीजन 2012 से लंबित है. इक्रीमेंट नहीं मिल रहा है. एलटीसी बंद है.
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टायो रोल्स. बायफर में कर्मचारी बनेंगे इंटरवेनर
जमशेदपुर : गम्हरिया स्थित टायो रोल्स लिमिटेड कंपनी के बायफर में चले जाने के बाद कंपनी के कर्मचारी गोलबंद होने लगे हैं. रविवार को कर्मचारियों ने समानांतर यूनियन के अध्यक्ष एसएन सिंह के बिष्टुपुर स्थित आवास पर बैठक कर कंपनी को बंद होने से बचाने की रणनीति तय की. निर्णय लिया गया कि बायफर में […]
जमशेदपुर : गम्हरिया स्थित टायो रोल्स लिमिटेड कंपनी के बायफर में चले जाने के बाद कंपनी के कर्मचारी गोलबंद होने लगे हैं. रविवार को कर्मचारियों ने समानांतर यूनियन के अध्यक्ष एसएन सिंह के बिष्टुपुर स्थित आवास पर बैठक कर कंपनी को बंद होने से बचाने की रणनीति तय की. निर्णय लिया गया कि बायफर में कंपनी के कर्मचारी पक्ष रखने के लिए इंटरवेनर बनेंगे. कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें मौखिक रूप से बताया गया है कि कंपनी 26 फरवरी को बीआइएफआर (बोर्ड फॉर इंडस्ट्रियल व फाइनांशियल रिकंस्ट्रक्शन) में चली गयी है. कर्मचारी दूसरी जगह काम खोज लें. 1 जून से कंपनी बंद हो जायेगी. बिना स्कीम के कर्मचारियों से हस्ताक्षर कराने को कहा जा रहा है.
नयी बहाली पर उठाये सवाल : कर्मचारियों ने कंपनी के घाटे के लिए प्रबंधन और यूनियन को दोषी ठहराया. कहा कि एक तरफ कंपनी के घाटे में होने की बात कही जा रही है. दूसरी तरफ 2014 से अब तक ऑफिसर ग्रेड में 270 बहाली हुई है. कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी में पहले एक पद एमडी, वीपीओ, एचआर और दो पद जीएम के थे. वर्तमान में 4-5 डीएम, 7 जीएम, 4 वीपीओ, और हर डिपार्टमेंट में 4-5 मैनेजर रखे गये हैं. सेफ्टी विभाग में पहले एक अफसर होते थे. वर्तमान में सेफ्टी डीएम, अाॅफिसर और पांच कर्मचारी भी रखे गये हैं, जिनकी आवश्यकता नहीं है.
रिटारमेंट के बाद भी अॉफिसर ग्रेड में एक्सटेंशन दिये जाने से कंपनी पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. जबकि कर्मचािरयों का ग्रेड रिवीजन 2012 से लंबित है. इक्रीमेंट नहीं मिल रहा है. एलटीसी बंद है.
जून महीने में बंद हो जायेगी डिस्पेंसरी ?
वक्ताओं ने कहा कि कंपनी का दोनों डिस्पेंसरी होम्योपैथिक, ऐलोपैथिक जून माह में बंद हो जायेगी. सही जानकारी कंपनी प्रबंधन या यूनियन से नहीं मिल रही है. कर्मचारी इससे भयभीत हैं. टायो वर्कर्स यूनियन के महामंत्री विनोद राय से पूछे जाने पर कहा कि प्रबंधन या यूनियन की ओर से इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया है. यह अफवाह है.
पहले भी बायफर में जा चुकी हैं दो कंपनी
पहले भी दो कंपनी बायफर में जा चुकी है. 1998 में तार कंपनी इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट बायफर में गयी थी. साल 2000 में केबुल कंपनी (इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड) गयी. तार कंपनी 20 दिसंबर 2003 को खुल गयी लेकिन केबुल कंपनी अभी तक नहीं खुली है. तीसरी कंपनी टायो होगी जो बायफर में गयी है.
चार साल से घाटे में चल रही कंपनी
1968 में स्थापित टायो कंपनी जापान की दो कंपनियां योडोगवा स्टील वर्कर्स और निशो लई कॉरपोरेशन की संयुक्त उपक्रम है. साल 2006 में इसमें 165 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, लेकिन कंपनी को इसका रिर्टन नहीं मिला. साल 2008 में टायो रोल्स टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई बनी. टायो कंपनी पिछले चार सालों से घाटे में चल रही है. अप्रैल से लेकर 94 करोड़ और अब तक कंपनी को 360 करोड़ से ज्यादा का घाटा हो चुका है. यहां कर्मियों की संख्या 750 हैं. जिनमें 400 कर्मचारी और लगभग 300 से ज्यादा अधिकारी हैं. कंपनी बंद होने से लगभग एक हजार लोग बेरोजगार हो जायेंगे.
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