स्थानीयता नीति आदिवासी आैर मूलवासियाें के अधिकाराें काे लूटने का षड़यंत्र
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आक्रामक तरीके से सड़कों पर उतरेंगे
स्थानीयता नीति आदिवासी आैर मूलवासियाें के अधिकाराें काे लूटने का षड़यंत्र जमशेदपुर : झामुमाे की काेल्हान स्तरीय बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि 14 काे झारखंड बंद के दाैरान काेल्हान काे बंद कराया जायेगा. प्रशासन इस मामले में जितनी सख्ती दिखायेगा, कार्यकर्ता उतने ही आक्रामक तरीके से बंद के दाैरान सड़काें पर उतरेंगे. […]
जमशेदपुर : झामुमाे की काेल्हान स्तरीय बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि 14 काे झारखंड बंद के दाैरान काेल्हान काे बंद कराया जायेगा. प्रशासन इस मामले में जितनी सख्ती दिखायेगा, कार्यकर्ता उतने ही आक्रामक तरीके से बंद के दाैरान सड़काें पर उतरेंगे. बंद काे सफल बनाने के लिए सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, गैर राजनीतिक, कल-कारखाना मालिकाें से भी सहयाेग की अपील की गयी है. झामुमाे के काेल्हान प्रभारी सह पूर्व मंत्री चंपई साेरेन ने कहा कि 14 का बंद एेतिहासिक हाेगा. राज्य सरकार जिस तरह बंद काे लेकर बयानबाजी कर रही है,
वह ठीक नहीं है. काैन सा ऐसा आशांति झामुमाे द्वारा फैलाने का काम किया जा रहा है, सरकार काे बताना चाहिए. यह राजनीतिक नहीं सामाजिक आंदाेलन है. रघुवर खुद काे स्थानीय बनाने के लिए इस नीति काे लागू करने का प्रयास कर रहे हैं. मुख्य सचिव राजबाला वर्मा काेल्हान की बहू बन चुकी है, इस बात का भी उन्हें बेहद ख्याल रखना चाहिए.
उलियान में आयाेजित संवाददाता सम्मेलन काे संबाेधित करते हुए श्री साेरेन ने कहा कि डाेमिसाइल पर रघुवर सरकार पलट सकती है. रघुवर सरकार काे तय करना हाेगा कि झारखंडी चाहिए या फिर बाहरी. हमलाेग जिस अंतिम सर्वे की बात कर रहे हैं, सभी के लिए फायदेमंद है. झामुमाे का कार्यकर्ता सड़काें पर उतरेगा.
सरकार एक लाख लाेगाें के रहने की व्यवस्था जेल में कर दे, कार्यकर्ता खुद गिरफ्तारी देंगे. टाटा स्टील समेत सभी उद्याेगाें व अन्य संस्थानाें से अपील है कि बंद का समर्थन करें. बुधवार काे उलियान स्थित शहीद निर्मल महताे सामुदायिक भवन में आयाेजित बैठक की अध्यक्षता पूर्वी सिंहभूम जिला के अध्यक्ष रामदास साेरेन ने की.बैठक में विधायक चंपई साेरेन, कुणाल षाड़ंगी, दीपक बिरुआ, कृष्णा गागराई, शशि सामड, पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी, सनातन मांझी, बहादुर उरांव, हिदायतुल्लाह खान समेत सैकड़ों कार्यकर्ता माैजूद थे.
रघुवर दास के पास खतियान नहीं: मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास खतियान नहीं है, वे बाहरी हैं. उन्होंने जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने फायदे के लिए स्थानीयता नीति तैयार की है, ताकि वे खुद को स्थानीय कह सके. अंतिम सर्वे खतियान को स्थानीयता का आधार बनाया जाना चाहिए. झारखंड के आदिवासी डेढ़ साै साल पहले असम गया, लेकिन आज तक उन्हें स्थानीयता का दरजा नहीं मिला. शशि भूषण सामद, झामुमो विधायक, चक्रधरपुर
भाजपा के 28 विधायक हमारे साथ:बजट सत्र के दौरान भाजपा के 28 विधायकों ने स्थानीयता नीति के मसले पर मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र के माध्यम से सुझाव दिया था कि अंतिम सर्वे खतियान को भी स्थानीयता नीति के लिए आधार बनाया जाना चाहिए, झामुमाे भी वही मांग कर रहा है. झारखंड बंद के बाद आर्थिक नाकेबंदी होगी. रेल नहीं राेकेंगे. भाजपा विधायकाें काे टूटना ही है आज टूटे या कल. दशरथ गागराई, झामुमो विधायक, खरसावां
दाे तिहाई विधायक स्थानीयता नीति के खिलाफ: मुख्यमंत्री काे सावधान हो जाना चाहिए. सत्ता पक्ष के दो तिहाई विधायक स्थानीयता नीति के खिलाफ हैं, ऐसे में कभी भी सरकार गिर सकती है. जो मूलवासी विधायक हैं, वे भीतर ही भीतर उबल रहे हैं. सबको मालूम है कि स्थानीयता नीति झारखंडी जनता के लिए अपमानजनक है. -दीपक बिरुवा, झामुमो विधायक, चाईबासा
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