डॉ शुक्ला मोहंती ने बताया कि ऑटोनोमस के तहत मिलने वाले पैसे से कालेज में आवश्यकता अनुसार गेस्ट फैकल्टी रखा जा सकता है, बेहतर परीक्षा प्रणाली अपनाया जा सकता है. वहीं राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन पर भी फंड का उपयोग हो सकता है. सीपीइ मद में मिले फंड का उपयोग लाइब्रेरी के साथ शिक्षकों के रिसर्च के लिए खर्च किया जा सकता है.
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ऑटोनॉमस से ‘कंडीशनल’ खत्म
जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के ऑटोनोमस के साथ जुड़ा ‘कंडीशनल’ समाप्त हो गया है. इससे कॉलेज को ऑटोनॉमस के मद में 20 लाख रुपये विकास की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसके अलावा कॉलेज की ओर से सीपीइ (कॉलेज विद पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंस) के तहत खर्च का ब्योरा भी जमा […]
जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के ऑटोनोमस के साथ जुड़ा ‘कंडीशनल’ समाप्त हो गया है. इससे कॉलेज को ऑटोनॉमस के मद में 20 लाख रुपये विकास की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसके अलावा कॉलेज की ओर से सीपीइ (कॉलेज विद पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंस) के तहत खर्च का ब्योरा भी जमा हो गया हो गया है. कॉलेज में स्थायी प्रिंसिपल नहीं होने के कारण यूजीसी ने कॉलेज के ऑटोनॉमस को सशर्त (कंडीशनल) विस्तार दिया था.
पिछले एक मई को कॉलेज की कमान संभालने के बाद डॉ शुक्ला महंती ने दिल्ली जा कर बुधवार को यूजीसी को संबंधित रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद ऑटोनॉमस के साथ लगा कंडीशनल शब्द अब हट गया है. डॉ शुक्ला महंती ने बताया कि अब कॉलेज को अगले महीने तक ऑटोनोमस मद में न्यूनतम 20 लाख रुपये तथा सीपीइ मद में 60 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त होने का रास्ता साफ हो गया है. इससे कॉलेज के आधारभूत संरचना से लेकर शैक्षणिक विकास आदि पर खर्च किया जायेगा.
डॉ शुक्ला मोहंती ने बताया कि ऑटोनोमस के तहत मिलने वाले पैसे से कालेज में आवश्यकता अनुसार गेस्ट फैकल्टी रखा जा सकता है, बेहतर परीक्षा प्रणाली अपनाया जा सकता है. वहीं राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन पर भी फंड का उपयोग हो सकता है. सीपीइ मद में मिले फंड का उपयोग लाइब्रेरी के साथ शिक्षकों के रिसर्च के लिए खर्च किया जा सकता है.
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