शहर में रहते हुए आतंकियों के िलए नेटवर्क तैयार करने तथा आइएसआइ के इशारे पर काम करने जैसे आरोपों से घिरे अलकायदा के संदिग्ध आतंकी अब्दुल समी व आतंकी सरगना अब्दुल रहमान कटकी की िगरफ्तारी से एक बड़ा नेटवर्क कमजोर पड़ गया था. अब जबकि पुलिस को इनकी रिमांड मिल गयी है, तो वह इस कोशिश में होगी कि इस आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दे.
जमशेदपुर: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अलकायदा के संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान कटकी तथा धातकीडीह के अब्दुल समी को कड़ी सुरक्षा में लेकर दिल्ली पुलिस सोमवार की रात साढ़े आठ बजे बिष्टुपुर थाने पहुंची.
दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस के अधिकारी कृष्णा समेत 10 जवान पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन से यहां लाये. स्टेशन के बाहर खड़ी कैदी वैन से दोनों को बिष्टुपुर थाने लाया गया. इससे पहले थाने की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गयी थी. मंगलवार को दोनों संदिग्ध आतंकियों को जमशेदपुर में सीजेएम की अदालत में पेश किया जायेगा.
उधर, संदिग्धों के बिष्टुपुर थाना पहुंचने के बाद मेन गेट कोे बंद कर दिया गया. किसी को भी थाने में घुसने नहीं दिया जा रहा था. डीएसपी जसिंता केरकेट्टा ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की. थाने में दोनों की हथकड़ी खोल दी गयी और उन्हें हाजत में बंद कर दिया गया.
संदिग्ध आतंकी अब्दुल समी का पासपोर्ट कपाली कबीरनगर के पते पर वर्ष 2009 में बना है. पासपोर्ट के अनुसार अब्दुल समी वर्ष 2014 में जनवरी माह में साउदी गया था. इसकी इंट्री है. 2014 के दिसंबर माह में अब्दुल समी के पासपोर्ट में मलेशिया जाने की इंट्री है. बीच के 10 माह वह पाकिस्तान में ट्रेनिंग के िलए गया था. इस बीच में वह कहां-कहां रहा, इसका पुलिस पता लगायेगी.
ज्यादा दिनों के लिए लेंगे रिमांड : एसएसपी
समी व कटकी को ट्रांजिट रिमांड पर जमशेदपुर लाना बड़ी उपलब्धि है. इसके िलए काफी कवायद करनी पड़ी. गिरफ्तारी के बाद से ही हम उन्हें यहां लाने की कोशिश में थे. अब हमारी कोशिश होगी कि दोनों को ज्यादा से ज्यादा दिनों की रिमांड पर लें. इसके लिए कोर्ट से आग्रह करेंगे. इसके बाद हम आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति तैयार करेंगे.
अनूप टी मैथ्यू, एसएसपी, पूर्वी िसंहभूम
आतंकवाद: आतंकी संगठन शहर को बनाते रहे हैं शरणस्थली
जमशेदपुर: शहर में आतंकी संगठन का लिंक पुराना है. हरियाणा के मेवात में संदिग्ध आतंकी अब्दुल समी की गिरफ्तारी से पहले भी शहर में लश्कर ए तोइबा, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी शहर से गिरफ्तार हुए हैं.
वर्ष 1997 में सोनारी पुलिस ने मिलिट्री कैंप में घुसते समय अोड़िशा निवासी अलाउद्दीन को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. उसने स्वयं को तबलीगी जमात का सदस्य बताया था और कहा कि उसके गांव के कई लोग पाकिस्तान जाकर आतंकी कैंप में ट्रेनिंग ले चुके हैं. सोनारी पुलिस ने सिर्फ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर उसे जेल भेजा था अौर बाद में वह छूट कर गायब हो गया. इसके बाद 2003 में दीपावली के समय दिल्ली के अंसल प्लाजा में बम ब्लास्ट की घटना हुई थी.
बम ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने लश्कर ए तोइबा के आतंकी मो शाहनवाज को मुठभेड़ को मार गिराया था. शाहनवाज के पॉकेट से जमशेदपुर के जिला परिवहन कार्यालय से जारी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया गया था. पड़ताल में यह बात सामने आयी थी कि शाहनवाज ने कई माह तक मानगो के रोड नंबर 13 में रह कर जमशेदपुर में ड्राइविंग सीखी थी. 2004 में कोलकाता पुलिस ने लश्कर ए तोइबा से संबंध रखने के आरोप में आजाद नगर निवासी तारिक अख्तर को गिरफ्तार किया था.
तारिक को साथ लाकर आजाद नगर के कुली रोड में छापेमारी कर नूर मोहम्मद को गिरफ्तार किया था. नूर मोहम्मद के घर से पुलिस ने विस्फोटक अौर आतंकी साहित्य अौर सीडी बरामद किया था, हालांकि दोनों बाद में कोर्ट से बरी हो गये. नूर मोहम्मद ने पूछताछ में खुलासा किया था कि आजाद नगर का सलाउद्दीन नामक युवक आजाद नगर के कई युवकों का पासपोर्ट लेकर अपने पास रखा हुआ है जिन्हें वह आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान ले जाने वाला था. 2007 में मुंबई के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट करने वाले अातंकियों में से आसिफ के जमशेदपुर के टेल्को में कई दिनों तक आकर रहने की सूचना मिली थी. गिरफ्तारी के पूर्व वह यहां से भाग निकला था अौर कोलकाता से गिरफ्तार हुआ था.
मध्य प्रदेश के भोपाल समेत की शहरों में सिपाही, वकील की हत्या कर तथा भोपाल में मण्णापुरम गोल्ड में छह करोड़ के सोने की डकैती कर इंडियन मुजाहिदीन का भोपाल सरगना मुंबई निवासी अबू फैजल उर्फ डॉक्टर अपने साथी अौर रिश्तेदार इकरार शेख के साथ भाग कर जमशेदपुर आया था. जमशेदपुर के जाकिर नगर रोड में उसने घर खरीदा था अौर उसके साथी ने डिमना रोड की एक गैस एजेंसी से गैस कनेक्शन लिया था अौर जमशेदपुर परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का आवेदन दिया था. अबू फैजल अौर इकरार शेख अपनी पत्नी के साथ लगभग ढाई माह तक जाकिर नगर में शरण लिए थे. बाद में भोपाल पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अबू फैजल, इकरार शेख को चार अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद भोपाल एटीएस ने अबू फैजल अौर इकरार शेख को लाकर जाकिर नगर स्थित खरीदे गये घर भोपाल से लूटा गया सोना बरामद किया था. बाद में 1 अगस्त 2014 को अबू फैजल अौर उसके साथी बड़ोदरा जेल से फरार हो गये थे. जेल से भागने के बाद भी अबू फैजल झारखंड आया था अौर अोड़िशा में बैंक डकैती की घटना को अंजाम दिया था.
पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की सभी में बम विस्फोट में शामिल रांची के सीठियो के आंतकियों से भेंट करने के बाद वह मध्य प्रदेश में गिरफ्तार हुआ था. 2014 में कोलकाता पुलिस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन का सदस्य होने के आरोप में जाकिर नगर में छापामारी कर शीश मोहम्मद को गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में वह जांच में निर्दोष निकला था.
कटक निवासी अब्दुल रहमान कटकी की गिरफ्तारी के बाद जमशेदपुर के कई युवकों के अल कायदा कनेक्शन की बात सामने आ रही थी जिसके बाद धातकीडीह निवासी अब्दुल समी को गिरफ्तार किया गया.