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खत्म होगी गांव-शहर के बीच की खाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब आंबेडकर जयंती पर ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ नामक जिस अभियान की शुरुआत उनके जन्मस्थान महू (मध्य प्रदेश) से की थी, रविवार को उसका समापन जमशेदपुर में हुआ. यहां प्रधानमंत्री मौजूद रहे और देश भर से आये करीब साढ़े तीन हजार जन प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष तथा करीब ढाई लाख से […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब आंबेडकर जयंती पर ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ नामक जिस अभियान की शुरुआत उनके जन्मस्थान महू (मध्य प्रदेश) से की थी, रविवार को उसका समापन जमशेदपुर में हुआ. यहां प्रधानमंत्री मौजूद रहे और देश भर से आये करीब साढ़े तीन हजार जन प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष तथा करीब ढाई लाख से ज्यादा ग्रामसभाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया.

जमशेदपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब तक गांवों की क्रय शक्ति नहीं बढ़ती, तब तक देश का आर्थिक विकास संभव नहीं है. गांधीजी कहा करते थे- असली भारत गांवों में बसता है. लेकिन, गांव और शहर के बीच की खाई आजादी के बाद से ही बढ़ती चली गयी. इस खाई को समाप्त करने की कोशिश होनी चाहिए. शहरों में मिलने वाली सुविधाएं पानी, बिजली, सड़क व इंटरनेट आदि को गांव तक पहुंचाना होगा.
इसी उद्देश्य से इस बार के बजट में हमने गांव को प्राथमिकता दी. श्री मोदी रविवार को जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ अभियान के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पहले देश में पंचायती राज दिवस का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ करता था. लेकिन, हमने इस आयोजन को उनके बीच लाने की पहल की, जिनके लिए वास्तव में इसका आयोजन हुआ करता था. केंद्र सरकार ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने की शुरुआत राजस्थान से की, तो बेटी बचाओ,
बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हरियाणा से हुई. इसका नतीजे सामने आया और लड़के और लड़कियों के अंतर में कमी आयी. जीवन रक्षा बीमा की शुरुआत पश्चिम बंगाल से की गयी और ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ की शुरुआत मध्य प्रदेश के महू से हुई. आज भगवान बिरसा मुंडा की धरती झारखंड के जमशेदपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब जयंती पर शुरू हुए अभियान के जेआरडी में आयोजित समापन समारोह में कहा
पंचायत प्रतिनिधियों के लिए
पांच साल ऐसा हो कि लोग याद करें
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल में पंचायत प्रतिनिधियों को कुछ ऐसा कर जाना चाहिए कि लोग उन्हें याद रखें. संकल्प लें कि गांवों को बदलना है. गांवों के विकास की नींव इतनी मजबूत रखें कि आनेवाली पीढ़ी भी गांवों में उन्हें और उनके कार्यों को याद करे.
महिला जन प्रतिनिधियों के लिए
लोगों ने भरोसा किया है, बदलाव की संवाहक बनें
देश में 30 लाख जनप्रतिनिधि पंचायतों में हैं. इनमें 40 फीसदी महिलाएं हैं. अगर वे लोग संकल्प लें, तो निश्चिततौर पर बदलाव संभव हो सकेगा. महिलाओं पर लोगों ने भरोसा किया है. वे संकल्प लें कि सुरक्षित प्रसव करायेंगी. प्रसव के दौरान किसी भी बच्चे या जच्चे की मौत नहीं होगी.
अगर एक महिला की मौत 25 से 27 साल में हो जाती है, तो पति और परिवार पर क्या गुजरती है, इसे समझना चाहिए. महिलाएं खुले में शौच नहीं करेंगी, इसके लिए वे प्रण लें. मिड डे मील स्कूलों में दिया जाता है. इसका फायदा बच्चों को मिल रहा है या नहीं, यह देखना होगा. महिलाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एक भी बच्चे को कुपोषण का शिकार नहीं होने देंगीं. पल्स पोलियो अभियान में बच्चे छूटें नहीं, इसका ख्याल रखें और गांवों में कोई अपंग या दिव्यांग न हो, इसलिए इस अभियान को सफल बनायें.
ये रहे मौजूद : कार्यक्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज तथा पेयजल स्वच्छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलौत, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री निहाल चंद, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सुदर्शन भगत,
झारखंड के ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, झारखंड के कृषि मंत्री रंधीर सिंह, संसदीय कार्य तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, सिंहभूम के सांसद लक्ष्मण गिलुवा आदि मौजूद रहे.

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