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चिड़ियाघर में गरमी से बचने के लिए कई उपाय किये गये

चिड़ियाघर में गरमी से बचने के लिए कई उपाय किये गयेजमशेदपुर : टाटा स्टील जुलोजिकल पार्क में गरमी से बचने के लिए कई उपाय किये गये हैं. इसको देखते हुए कई कदम उठाये गये हैं. गरमी में इस शहर में मौसम में काफी उतार-चढ़ाव होता है. शहर का अधिकतम तापमान मई-जून के महीने में 46-47 […]

चिड़ियाघर में गरमी से बचने के लिए कई उपाय किये गयेजमशेदपुर : टाटा स्टील जुलोजिकल पार्क में गरमी से बचने के लिए कई उपाय किये गये हैं. इसको देखते हुए कई कदम उठाये गये हैं. गरमी में इस शहर में मौसम में काफी उतार-चढ़ाव होता है. शहर का अधिकतम तापमान मई-जून के महीने में 46-47 डिग्री सेल्सियस तक एवं दिसंबर-जनवरी के दौरान न्यूनतम 6-8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. आर्द्रता भी 25 से 90 फीसदी के बीच कम-ज्यादा होती रहती है. गर्मी के दिनों में चिड़ियाघर के जानवरों को अत्यधिक तापमान से राहत के लिए एक विशेष एक्शन प्लान तैयार कर उसको क्रियान्वित किया गया है. चिड़ियाघर में आसपास के क्षेत्रों की तुलना में तापमान एवं आर्द्रता कम होती है. पशु पक्षियों के लिए किये गये उपाय एक नजर में : पक्षी:1. पक्षियों को मिट्टी के बर्तन में पीने का पानी उपलब्ध कराया जाता है और उसे दिन में दो बार भरा जाता है.2. पक्षीशाला या एवियरी की छत को घास-फूस से ढंका गया है, ताकि पक्षियों को सूरज की सीधी किरणों से बचाया जा सके.3. पक्षीशाला की छत को बांस की चटाई से भी ढंका गया है, ताकि उन्हें सूरज की सीधी किरणों से बचाया जा सके.4. पक्षीशाला की दीवारों एवं फर्श को लगातार गीला रखा जाता है, ताकि वहां का वातावरण ठंडा रहे.हिरण :1. इन्क्लोजर में वाटर स्प्रिंकलर / पानी के नल को खुला रखा जाता है, ताकि वहां की जमीन में नमी रहे.2. पीने का पानी एक दिन में दो बार भरा जाता है. प्राइमेट्स: 1. मैंड्रिल के इन्क्लोजर में डेजर्ट कूलर लगाये गये हैं.2. पीने का पानी एक दिन में दो बार भरा जाता है.3. नाइट शेल्टर का गेट खुला रखा जाता है, ताकि जानवर जब भी चाहें गर्मी से बचने के लिए शेल्टर में प्रविष्ट हो सकें.4. जानवरों को फ्रोजन फ्रूट्स देने की योजना है. भालू, ज़ेबरा और बड़ी बिल्लियां :1. भालू और बड़ी बिल्लियों के लिए डेजर्ट कूलर और एक्जहॉस्ट फैन लगाये गये हैं.2. जेब्रा के इन्क्लोजर में चार वॉल हैंगिंग फैन लगाये गये हैं.3. जानवरों को दिन में दो बार नहलाया जाता है – एक बार सुबह में एवं एक बार शाम में. 4. उन्हें पानी में मिलाकर एंटी -स्ट्रेस दवाएं भी दी जाती हैं. 5. जानवरों को सूरज की रोशनी से बचाने के लिए और छाया उपलब्ध कराने के लिए क्रॉल एरिया को घासफूस एवं बांस की चटाई से ढंका गया है.6. नाइट शेल्टर का गेट खुला रखा जाता है, ताकि जानवर जब भी चाहें, गर्मी से बचने के लिए शेल्टर में प्रविष्ट हो सकें.

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