पिछले दिनाें गुुरद्वारा के पास एक घर में बाेरिंग करीब 465 फीट करायी गयी, लेकिन उसमें पानी नहीं निकला, जिसके बाद उसे बंद करा दिया गया. कीताडीह गुरुद्वारा के पास दाे चापाकल लगाये गये, दाेनाें ही बेकार हाे गये. अगर कुछ चापाकल चल भी रहे हैं ताे उसे एक व्यक्ति नहीं चला सकता है, कई बार हैंड पंप करने के बाद पानी निकलता है.
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कीताडीह : गिर रहा जलस्तर, फेल हाे रहे बोरिंग
जमशेदपुर: कीताडीह में लगातार जल स्तर गिरता जा रहा है. करीब साढ़े तीन मीटर जल स्तर के गिर जाने से तालाब के आस-पास सरकारी बाेरिंग काे छाेड़ अन्य सभी चापकल फेल हाे गये हैं. पानी के लिए सुबह चार बजे से लेकर रात 1-2 बजे तक लाइन लगी रहती है. सरकारी चापाकल पर आश्रित परिवाराें […]
जमशेदपुर: कीताडीह में लगातार जल स्तर गिरता जा रहा है. करीब साढ़े तीन मीटर जल स्तर के गिर जाने से तालाब के आस-पास सरकारी बाेरिंग काे छाेड़ अन्य सभी चापकल फेल हाे गये हैं. पानी के लिए सुबह चार बजे से लेकर रात 1-2 बजे तक लाइन लगी रहती है. सरकारी चापाकल पर आश्रित परिवाराें की प्यास बुझाने में सरना मार्शल क्लब आैर कीताडीह बड़ा मैदान के पास कराया गया बाेरिंग ही कुछ हद तक मददगार साबित हाे रहा है. पिछले एक सप्ताह से हर रात किसी ने किसी के घर में बाेरिंग हाे रही है.
कीताडीह में ढाई साै फुट बाेरिंग में पानी का नामाे निशान नहीं दिखायी पड़ रहा है, किसी-किसी एरिया में कुछ जल स्रोत मिल जाने पर वहां कुछ राहत मिलती है. पहले जहां ढाई से पाैने तीन साै फीट बाेरिंग काे पर्याप्त मान लिया जाता है, लेकिन अब बाेरिंग का स्टैंडर्ड साढ़े तीन साै फीट पार कर गया है.
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