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प्रत्युषा निड जस्टिस के साथ शहरवासियों ने निकाला कैंडल मार्च

प्रत्युषा निड जस्टिस के साथ शहरवासियों ने निकाला कैंडल मार्च परिजनों ने कहा- डेड बॉडी के जख्म हत्या की गवाही दे रहे थेलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर बुधवार की शाम जुबली पार्क स्थित जेआरटी टाटा की मूर्ति के सामने से प्रत्युषा मुखर्जी को न्याय दिलाने के साथ आत्मा की शांति को लेकर शहरवासियों ने कैंडल मार्च निकाला गया. […]

प्रत्युषा निड जस्टिस के साथ शहरवासियों ने निकाला कैंडल मार्च परिजनों ने कहा- डेड बॉडी के जख्म हत्या की गवाही दे रहे थेलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर बुधवार की शाम जुबली पार्क स्थित जेआरटी टाटा की मूर्ति के सामने से प्रत्युषा मुखर्जी को न्याय दिलाने के साथ आत्मा की शांति को लेकर शहरवासियों ने कैंडल मार्च निकाला गया. जिसमें शहरवासी हाथों में प्रत्युषा बनर्जी की तस्वीर के साथ पोस्टर लिए हुए नजर आये. इन पोस्टर्स में “वाज इट ए रियली ए सुसाइड” व “प्रत्युषा निड जस्टिस” जैसे कोट्स लिखे थे. इससे यह साफ होता है कि सिर्फ प्रत्युषा बनर्जी के परिजन ही नहीं बल्कि शहरवासी भी यह मानने को तैयार नहीं है कि प्रत्युषा ने आत्महत्या की है. शाम में प्रत्युषा की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर व हाथों में कैंडल थाम कर मार्च भी किया गया. मीडिया से बात करते हुए प्रत्युषा के ममेरे भाई रोहन कांजीलाल ने कहा कि प्रत्युषा की डेड बॉडी को देखने के बाद यह साफ होता है कि उसने आत्महत्या नहीं की है. इस कैंडल मार्च में प्रत्युषा के रिश्तेदारों में मौसी एस रॉय, इनकी बेटी रिशिता, तन्मय मुखर्जी, रोहित राय सहित आदि उपस्थित थे. इनके अलावा शहर के रंगकर्मियों में अमित दास, रविकांत मिश्रा, मोहम्मद निजाम, प्रेम, बबलू, राजेश, सौरव सुमन झा, राजू मित्रा सहित कॉलेज की छात्राओं ने भी हिस्सा लिया. प्रत्युषा के सपोर्ट में आया हूं आगे : अमित दास शहर के रंगकर्मी अमित दास ने बताया कि जैसे ही हमें सभी को इस बात का पता चला तो हम सभी प्रत्युषा को इंसाफ दिलाने व उसकी आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च निकाला जा रहा है हम सभी रंगकर्मी इसमें शामिल हुए. प्रत्युषा ने हमारे शहर का नाम उंचा किया है. प्रत्युषा ने अपने टैलेंट के बल पर बड़ी कामयाबी हासिल की थी. उसे न्याय दिलाने व उसकी आत्मा को शांति मिले इसके लिए हम सभी आगे आये हैं. राहुल राज की है साजिश : रोहन कांजीलाल प्रत्युषा की खबर लगते ही मैं शंकर बनर्जी व सोमा बनर्जी के साथ मुंबई के लिए रवाना हुआ था. वहां पहुंच कर काफी करीब से मैंने प्रत्युषा के मृत शरीर को देखा. उसे कंधा दिया. उसके चेहरे पर पड़े निशान साफ- साफ यही संकेत दे रहे थे कि उसपर हमला किया गया है. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार प्रत्युषा को अस्पताल लाने के क्रम में उसकी सांसे चल रही थी. यदि राहुल राज चाहता तो उसके फ्लैट के पास के ही नर्सिंग होम में ले जाता उसे दूर में स्थित कोकिलाबेन अस्पताल में ही क्यों ले जाया गया. इससे साफ साबित होता है कि प्रत्युषा को बचाया जा सकता था. प्रत्युषा के जख्म बयां कर रहे थे कि उसकी हत्या हुई है. प्रत्युषा को न्याय मिले और उसकी आत्मा को शांति मिले इस मकसद से हमने कैंडल मार्च निकाला है.

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