यह पूरा सिस्टम जीपीएस से लैस होगा. ऐसे में कर्मचारी वैसे एरिया में भी नहीं जा सकेंगे, जहां उन्हें जाना वर्जित होगा. मसलन कोई कर्मचारी एलडी वन का है तो वह एलडी वन और उससे संबंधित सड़कों के अलावा दूसरी ओर जायेगा तो कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी मिल जायेगी. हाजिरी के वर्तमान सिस्टम में भी बदलाव किया जा रहा है. बायोमेट्रिक सिस्टम के बदले एक ऐसा सिस्टम विकसित किया गया है, जिसमें आपका चेहरा अगर कैमरा देखेगा और उसको रीड करेगा तभी आपकी हाजिरी लगेगी. माना जा रहा है कि इससे प्राक्सी पंचिंग पर पूरी तरह से लगाम लग जायेगी. टाटा स्टील इस सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की ओर है. निकट भविष्य में यह ग्रुप की सभी कंपनियों में लगाया जायेगा.
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टाटा स्टील : चेहरा देखकर ही बनेगी हाजिरी
जमशेदपुर: टाटा स्टील समेत टाटा ग्रुप से तमाम कंपनियों के कर्मचारियों व अधिकारियों को सेंसर युक्त गेट पास जारी किया जायेगा. इसको अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए निजी कंपनी के साथ समझौता किया गया है. यह कार्य निपुन नामक कंपनी कर रही है. नये गेटपास में लगा सिस्टम […]
जमशेदपुर: टाटा स्टील समेत टाटा ग्रुप से तमाम कंपनियों के कर्मचारियों व अधिकारियों को सेंसर युक्त गेट पास जारी किया जायेगा. इसको अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए निजी कंपनी के साथ समझौता किया गया है. यह कार्य निपुन नामक कंपनी कर रही है. नये गेटपास में लगा सिस्टम कर्मचारी का लोकेशन बताता रहेगा.
यह पूरा सिस्टम जीपीएस से लैस होगा. ऐसे में कर्मचारी वैसे एरिया में भी नहीं जा सकेंगे, जहां उन्हें जाना वर्जित होगा. मसलन कोई कर्मचारी एलडी वन का है तो वह एलडी वन और उससे संबंधित सड़कों के अलावा दूसरी ओर जायेगा तो कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी मिल जायेगी. हाजिरी के वर्तमान सिस्टम में भी बदलाव किया जा रहा है. बायोमेट्रिक सिस्टम के बदले एक ऐसा सिस्टम विकसित किया गया है, जिसमें आपका चेहरा अगर कैमरा देखेगा और उसको रीड करेगा तभी आपकी हाजिरी लगेगी. माना जा रहा है कि इससे प्राक्सी पंचिंग पर पूरी तरह से लगाम लग जायेगी. टाटा स्टील इस सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की ओर है. निकट भविष्य में यह ग्रुप की सभी कंपनियों में लगाया जायेगा.
टाटा कम्यूनिकेशन ने दो बेस स्टेशन लगाया
जमशेदपुर. कंपनी के हर सामान पर नजर रखने के लिए टाटा स्टील में दो बेस स्टेशन लगाया गया है. इससे एक उपकरण दिया जायेगा, जिसको ट्रक या अन्य सामान में लगाया जा सकता है और उससे आपके सारे सामानों का लोकेशन मिल सकेगा. इस बेस स्टेशन से शहरी क्षेत्र में दो किलोमीटर के रेडियस की जानकारी मिल सकेगी जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 20 किलोमीटर तक के रेडियस तक की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. नयी तकनीकी से पूरी स्थिति की मॉनिटरिंग की जायेेगी.
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