18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टाटा वर्कर्स यूनियन: कमेटी मीटिंग में विपक्ष के कड़े तेवर के आगे सत्ता पक्ष झुका, मजदूरों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरा

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन की कमेटी मीटिंग में सोमवार को विपक्ष ने कड़े तेवर दिखाये. विपक्ष की कमान संभाल रहे भगवान सिंह, अारसी झा ने मजदूरों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के समक्ष सवालों की झड़ी लगा दी. निरुत्तर हुआ विपक्ष : कमेटी मेंबर भगवान सिंह सीनियर ने कहा कि आज यूनियन के नेताओं […]

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन की कमेटी मीटिंग में सोमवार को विपक्ष ने कड़े तेवर दिखाये. विपक्ष की कमान संभाल रहे भगवान सिंह, अारसी झा ने मजदूरों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के समक्ष सवालों की झड़ी लगा दी.
निरुत्तर हुआ विपक्ष : कमेटी मेंबर भगवान सिंह सीनियर ने कहा कि आज यूनियन के नेताओं के पास समय नहीं है कि वे मजदूरों की समस्याओं का निराकरण या उस पर चर्चा तक कर सकें. दो माह में होने वाली कमेटी मीटिंग में मजदूरों का मुद्दा गौण हो जाता है. कई मजदूर आज डिस्चार्ज हो चुके है. लेिकन उनकी नौकरी वापस नहीं हुई. इस पर महामंत्री ने जवाब दिया कि वे लोग कोर्ट चले गये. भगवान सिंह ने कहा कि कर्मचारी तो कोर्ट तीन साल के बाद गये, जब उनको यूनियन ने कोई सहारा नहीं दिया. श्री सिंह ने कहा कि सर्विसेज पूल के आइबी पर प्वाइंट बंद कर दिया जाता है. 1956 का समझौता का उल्लंघन किया जाता है, लेकिन यूनियन चुप्पी साधे रहती है.

वीपी एचआरएम हर मीटिंग में होते हैं, लेकिन उनके समक्ष अहम मुद्दे नहीं उठाये जाते. भगवान सिंह ने मेडिकल एक्सटेंशन का भी मुद्दा उठाया. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि मेडिकल एक्सटेंशन बंद नहीं होगा. इसके प्रक्रिया के सरलीकरण का प्रयास हो रहा है. इसके लिए ने एक सप्ताह का समय लिया गया है.
बिना इजाजत पैसे खर्च करने पर आपत्ति जतायी
विपक्ष के नेता आरसी झा ने कहा कि बिना हाउस की रजामंदी के लाखों रुपये खर्च कर दिये गये, इसके लिए मंजूरी नहीं ली गयी. इसके जवाब में यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि आगे फैसला लेते वक्त इसका ख्याल रखा जायेगा.
214 की जगह 105 ही क्यों गये : रघुनाथ पांडेय
पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने कहा कि इंटक के सम्मेलन में 30 से 35 लोगों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन 105 लोग गये. अगर ऐसी ही बात थी तो 105 लोग ही क्यों 214 को ले जाना चाहिए था. इस पर आर रवि प्रसाद ने कहा कि आपके कार्यकाल में 72 लोग गये थे, लेकिन हम लोगों ने 105 को ले जाना उचित समझा. हालांकि चयन का पैमाना पूछे जाने पर अध्यक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया.
मजदूरों का 90 हजार का हिसाब नहीं दिया : कमेटी मेंबर अरुण सिंह ने कहा कि 30 लाख 50 हजार रुपये इंटक में दिखाया जा रहा है. इसका पैसा अगला माह वापस आया. 9 फीसदी के हिसाब से अगर सिर्फ ब्याज जोड़ा जाता तो इसका ब्याज 22 हजार रुपये होता, लेकिन यह नहीं दिया गया. इसके अलावा 74 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च भी किया गया. इसका जवाब कोषाध्यक्ष प्रभात लाल ने कहा कि यूनियन की प्रतिष्ठा के लिए ही सारा कुछ किया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें