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मागे पोरोब: यूसिल तुरामडीह मेैदान में कार्यक्रम का आयोजन, बोले अर्जुन मुंडा आदिवासियत को जीवित रखें
जमशेदपुर: रविवार को तुरामडीह टॉवर ग्राउंड में मागे पोरोब का आयोजन किया गया. आयोजन में हो समाज की पारंपरिक सांस्कृतिक छठा जमीन पर उतरी नजर आयी. मागे पाेरोब का आयोजन जोहार ट्रस्ट द्वारा किया गया था. इसमें झारखंड, बंगाल, ओडिशा समेत अन्य राज्यों की नृत्य मंडली ने पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम व नृत्य प्रस्तुत किया. मागे […]
जमशेदपुर: रविवार को तुरामडीह टॉवर ग्राउंड में मागे पोरोब का आयोजन किया गया. आयोजन में हो समाज की पारंपरिक सांस्कृतिक छठा जमीन पर उतरी नजर आयी. मागे पाेरोब का आयोजन जोहार ट्रस्ट द्वारा किया गया था. इसमें झारखंड, बंगाल, ओडिशा समेत अन्य राज्यों की नृत्य मंडली ने पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम व नृत्य प्रस्तुत किया.
मागे पाेरोब के पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदिवासियत को हमेशा जीवित रखने की जरूरत है. पूर्वजों ने बहुत ही सुंदर पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था बनायी है, उसी व्यवस्था को मानते हुए आज तक आदिवासी समाज का अस्तित्व बचा हुआ है. पारंपरिक व्यवस्था, भाषा-संस्कृति, सांस्कृतिक पहचान को हर हाल में बचाये रखने का संकल्प लेने की जरूरत है.
एकजुटता का लिया संकल्प
मागे पोरोब के बहाने आदिवासी हो समाज के लोगों ने सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक व शैक्षणिक रूप से एकजुट होने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कर्नल कुमलेंद्र सामद के अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में चाईबासा के डीएन चांपिया, ओडिशा के लक्ष्मीधर तिउ, रांची के रघुनाथ बोदरा व दामोदर सिंकू, पश्चिम बंगाल के कार्तिक तिरिया व दिल्ली से के जमुदा मौजूद थे. मुख्य अतिथि कर्नल कुमलेंद्र सामद ने कहा कि आदिवासी अपनी भाषा-संस्कृति से अथाह प्रेम करते हैं. उतना ही प्रेम समाज को समृद्ध व विकसित करने में दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षित करने व रोजगार के जोड़ने के लिए समाज के बुद्धिजीवियों व शिक्षाविदों को आगे आने की जरूरत है. नयी पीढ़ी को गलत राह में भटकने नहीं देना है. युवाओं के जोश व जुनून को सही मार्गदर्शन देना होगा. उन्होंने कहा कि हो भाषा को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराना है. इसके लिए वृहत पैमाने पर आवाज उठाने की जरूरत है. मातृभाषा में पठन-पाठन पर जोर देने की जरूरत है. कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रतियोगिता के सफल प्रतिभागी व टीम को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में ट्रस्ट के अध्यक्ष पिंटू चाकिया, सुरा बिरूली, डेबाई दिग्गी, उपेंद्र बानरा, तुषार पूरती, सीताराम गोडसोरा, मनोज मेलगांडी, रवि सांवैया, बिरसिंह बिरूली, दशरथ दिग्गी, गोविंदा होनहागा व अन्य मौजूद थे.
डांस में खूब की मस्ती
शाम में जोहार नाइट डांस चैलेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुंबई व शहर के चयनित कलाकारों में मंच पर डांस का तड़का लगाया. पाश्चात्य गीत-संगीत के कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. अंत में बेस्ट कलाकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
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