जिला प्रशासन ने इस मामले में धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दायर करने का आदेश दिया था. इस आलोक में मामला हेड ऑफिस भेजा गया और फिर उसके आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ को दे दी गयी. यह सारी जमीन एमके इंजीनियरिंग वर्क्स, टेमकॉन कंपनी और जेके इंजीनियरिंग के नाम पर दिखाकर लोन लिया गया था.
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फरजी जमीन के नाम पर लोन लेने का मामला, सीबीआइ ने दर्ज की दूसरी एफआइआर
जमशेदपुर : फरजी जमीन और दस्तावेज के आधार पर यूको बैंक जमशेदपुर से लोन लेने के मामले में सीबीआइ ने दूसरी एफआइआर दर्ज कर ली है. अब फरजी दस्तावेज के नाम पर लोन लेने का आंकड़ा 15 से बढ़कर 21 करोड़ रुपये का हो गया है. इस मामले की जांच वर्ष 2014 में शुरू हुई. […]
जमशेदपुर : फरजी जमीन और दस्तावेज के आधार पर यूको बैंक जमशेदपुर से लोन लेने के मामले में सीबीआइ ने दूसरी एफआइआर दर्ज कर ली है. अब फरजी दस्तावेज के नाम पर लोन लेने का आंकड़ा 15 से बढ़कर 21 करोड़ रुपये का हो गया है.
इस मामले की जांच वर्ष 2014 में शुरू हुई. यूको बैंक के मुख्य प्रबंधक पीके शर्मा ने मामले की जांच के लिए एडीसी सुनील कुमार को पत्र लिखा था. इसके बाद इन सारे दस्तावेजों की जांच की गयी थी. जांच में जमशेदपुर के अंचलाझधिकारी ने जो रिपोर्ट दी उसमें कहा गया कि जिस जमीन को बंधक रखने के बाद लोन लिया गया था, वह सरकारी या आदिवासी जमीन है, जिसको कोई बैंक बंधक नहीं रख सकता है.
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