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खुद पढ़ाई कर संवार रहे बच्चों का जीवन
निखिल सिन्हा जमशेदपुर : एक नन्हा सा दीया, बेहतर है अंधेरे से… टाटानगर के रेलवे लोको कॉलोनी में संचालित शिखर संस्था संसाधनों के अभाव में जीने को विवश गरीब बच्चों की अंधकारमय जिंदगी को एक दीये की तरह रोशन कर रही है. यह संस्था दो वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए नि:शुल्क […]
निखिल सिन्हा
जमशेदपुर : एक नन्हा सा दीया, बेहतर है अंधेरे से… टाटानगर के रेलवे लोको कॉलोनी में संचालित शिखर संस्था संसाधनों के अभाव में जीने को विवश गरीब बच्चों की अंधकारमय जिंदगी को एक दीये की तरह रोशन कर रही है. यह संस्था दो वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए नि:शुल्क कोचिंग चला रही है, जिसमें पढ़ाने वाले खुद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और साथ ही क्षेत्र के गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं. संस्था के तीन युवा लक्ष्मण राव, राहुल सिंह और सुशांत साहू ने बताया कि ऐसा करने से उन्हें काफी खुशी मिलती है.
40 बच्चों का है समूह
संस्था के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान में करीब 28 बच्चे नियमित रूप से पढ़ाई करने के लिए आते हैं, जबकि प्रारंभ में महज पांच से छह बच्चे ही आते थे. संस्था के सदस्य बेकार सड़कों पर घूमने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए पकड़ कर लाते हैं और इन गरीब बच्चाें के परिजनों को शिक्षा का महत्व और इससे होने वाले फायदों के बारे में समझाते हैं.
2014 में हुई थी शुरुआत
लोको कॉलोनी में वर्ष 2014 में संस्था का उदघाटन किया गया था. उस दौरान यहां केवल सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवा ही आते थे. बाद में सभी ने क्षेत्र के गरीब बच्चों को शिक्षित करने की ठानी.
यहां बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग तो दी ही जाती है साथ ही जरुरतमंद बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध करायी जाती है. वहीं मनोरंजन के लिए समय-समय पर खेलकूद, चित्रांकन, क्विज सरीखी प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती हैं, जिसमें विजेताओं को संस्था की ओर से पुरस्कृत भी किया जाता है.
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