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दे दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी…

दे दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी…मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर पंजाब, हरियाणा तथा उसके पड़ोसी राज्यों में लोहड़ी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. अपने शहर में भी लोहड़ी धूमधाम से मनायी जाती है. कारण है कि इन प्रांतों के मूलवासियों की संख्या अपने शहरों में अच्छी-खासी है. शादी या बच्चा होने […]

दे दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी…मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर पंजाब, हरियाणा तथा उसके पड़ोसी राज्यों में लोहड़ी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. अपने शहर में भी लोहड़ी धूमधाम से मनायी जाती है. कारण है कि इन प्रांतों के मूलवासियों की संख्या अपने शहरों में अच्छी-खासी है. शादी या बच्चा होने के बाद जो लोग पहली बार लोहड़ी मनाते हैं, उनका उत्साह तो देखते बनता है. ऐसे ही जोड़ों के उत्साह और तैयारियों पर पेश है लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट…——————तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था पर्व लोहड़ी पर्व को पहले तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था. तिलोड़ी तिल व रोड़ी के मेल से बना है. इसमें रोड़ी का अर्थ गुड़ की रोड़ी से है. समय बदलने के साथ आज यह लोहड़ी के नाम से प्रसिद्ध हो गया. लोहड़ी की शाम को आग जलाई जाती है. इसे पुग्गा भी कहा जाता है. लोग अग्नि के चारों ओर इकट्ठा होकर उसके चक्कर काटते हैं, नाचते, गाते व खुशियां मनाते हैं. वहीं अग्नि में रेवड़ी, खील, मक्का की आहुति देते हैं. लोग उसके चारों ओर बैठकर आग सेकते हैं. रेवड़ी, खील, गजक व मक्के का लावा (पॉपकॉर्न) खाते हैं. इस दौरान लोहड़ी के पारंपरिक लोकगीत भी गाये जाते हैं. जिस परिवार में नयी शादी हुई हो या फिर बच्चा हुआ हो, वहां खुशियां दोगुनी हो जाती हैं. ——————शादी के एक महीने बाद ही पड़ रही लोहड़ी नाम : प्रदीप सिंह व रविंदर कौर, गोविंदपुरप्रदीप सिंह व रविंदर कौर एक महीने पहले दिसंबर में ही शादी के बंधन में बंधे हैं. यह उनकी पहली लोहड़ी है. इसको लेकर ये लोग अभी से खासा उत्साहित हैं. ऐसे में परिवार में खुशियों का नजारा देखते ही बनेगा. प्रदीप बताते हैं कि यह पर्व हमारे लिए काफी खास होता है. इस वर्ष इस पर्व की खुशियां दाेगुनी हो जायेंगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले वह दोस्तों के संग लोहड़ी मनाया करते थे. लेकिन इस वर्ष से परिवार व पत्नी के साथ पर्व मनायेंगे. प्रदीप ने पत्नी को सरप्राइज गिफ्ट भी देने का प्लान किया है. प्रदीप ने बताया कि लोहड़ी को लेकर परिवार में अभी से तैयारियां जोरों से चल रही हैं. वहीं, रविंदर कौर बताती हैं कि ससुराल में यह पहला मौका होगा, जब मैं यहां लोहड़ी मनाऊंगी. इस दौरान घर में रिश्तेदार आएंगे व आशीर्वाद देंगे. —————————–परिवार व रिश्तेदारों के साथ मनेगी पहली लोहड़ी नाम : रजीत सिंह व रजनी कौर, टेल्कोनवदंपति के घर में लोहड़ी का उत्साह देखते ही बनता है. टेल्को में रहने वाले रजीत सिंह व रजनी कौर शादी के बाद पहली लोहड़ी मनाने की तैयारियों में जुट गये हैं. इनकी शादी 11 दिसंबर 2015 को हुई थी. रजीत बताते हैं कि इस साल लोहड़ी का पर्व हमारे लिए खास होगा. पहले वर्षों की तुलना इस वर्ष ज्यादा मजा आयेगा. लोहड़ी के दिन तमाम रिश्तेदार घर आएंगे व हमें आशीर्वाद देंगे. वहीं, रजनी कौर बताती हैं कि शादी के बाद यह हमारी पहली लोहड़ी है. इसको लेकर परिवार के सभी लोग काफी उत्साहित हैं. लोगों के साथ हमें भी इस पर्व का बेसब्री से इंतजार है. ————-नाम : कुलदीप सिंह व किरण देवी, बिष्टुपुरगुरुद्वारा जाने के साथ होगी दिन की शुरुआतकिरण देवी बताती हैं कि हमारी शादी 26 नवंबर 2015 को हुई. शादी के बाद हमारी पहली लोहड़ी होने से मैं व परिवार के तमाम सदस्य काफी उत्साहित हैं. दिन की शुरुआत हम लोग गुरुद्वारा जा कर करेंगे. सबसे पहले गुरुद्वारे में मत्था टेकेंगे और फिर घर आकर बड़ों का आशीर्वाद लेंगे. घर पर मेहमान भी आयेंगे. शादी से पहले लोहड़ी का पर्व मैं अपने परिवार के संग मनाती थी. कुलदीप सिंह बताते हैं कि शादी से पहले हम कॉलोनी में दूसरों के यहां जाकर लोहड़ी मनाते थे. लेकिन इस बार हमारी फैमिली में ही पर्व मनाया जायेगा. लोहड़ी की सुबह हम दही-चूड़ा खाते हैं, या दही के साथ खिचड़ी खाते हैं. यह परंपरा है. वहीं, रात में साग व मक्के की रोटी के मजे लेंगे.————————————————-नाम : गुरमीत सिंह व सरबजीत कौर, कदमागुरमीत सिंह बताते हैं कि हमारी शादी 29 नवंबर 2015 को हुई थी. हम अपने जीवन की पहली लोहड़ी सेलिब्रेट करेंगे. इसको लेकर परिवार में अभी से ही खुशियों की झलक देखने को मिल रही है. हमारे परिवार में लोहड़ी को काफी धूमधाम से मनाया जाता है. परिवार में नये सदस्य के आने से इस साल जश्न का माहौल होगा. शहर में रहने वाले तमाम परिवार के सदस्य व दोस्त हमारे घर आएंगे व बड़े हमें आशीर्वाद देंगे. सरबजीत कौर बताती हैं कि पहली लोहड़ी होने से वह काफी खुश हैं. तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं. पहले मैं एकल परिवार में रहती थी. अब बड़े परिवार में लोहड़ी मनाऊंगी. यह परंपरा है कि लोहड़ी से एक दिन पहले खिचड़ी तैयार की जाती है और लोहड़ी के दिन दही के साथ खिचड़ी खायी जाती है. उन्होंने बताया कि इस दिन मीठे चावल भी बनते हैं.

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