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बेवजह शहर में घुसते हैं 60 फीसदी वाहन
जमशेदपुर: जमशेदपुर की सड़कों पर हर दिन करीब 2 लाख 86 हजार 400 गाड़ियां उतरती हैं. इनमें से 60 फीसदी (एक लाख 71 हजार 840) गाड़ियों का शहर से कोई लेना-देना नहीं होता है. चूंकि शहर के बाहर से गुजरने की सड़क नहीं होने से शहर में वाहन लाना विवशता है. इससे शहर के ट्रैफिक […]
जमशेदपुर: जमशेदपुर की सड़कों पर हर दिन करीब 2 लाख 86 हजार 400 गाड़ियां उतरती हैं. इनमें से 60 फीसदी (एक लाख 71 हजार 840) गाड़ियों का शहर से कोई लेना-देना नहीं होता है. चूंकि शहर के बाहर से गुजरने की सड़क नहीं होने से शहर में वाहन लाना विवशता है. इससे शहर के ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ता है. इसका खुलासा नगर विकास विभाग के सर्वे रिपोर्ट में हुआ है. विभाग ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दिया है. इस सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं.
बाजार करने वालों से बिष्टुपुर व साकची में लगती है भीड़ : बिष्टुपुर और साकची बाजार में हर दिन 915 चार पहिया वाहन लेकर लोग बाजार करने आते हैं. बाजार करने वालों के कारण अधिक बीड़ लगती है. वहीं बिजनेस के लिए यहां हर दिन 698 दोपहिया और 325 चार पहिया वाहन आते हैं. सर्वे में यह बात सामने आयी है कि कालीमाटी रोड, इ रोड, डिमना रोड, साकची बुलेवर्ड, सिदगोड़ा रोड में गाड़ियों के कंजेशन की भयंकर स्थिति है. टिमकेन रोड, टीआरएफ रोड, खरकई लिंक रोड, पाइप लाइन रोड, बारीडीह कदानी रोड, सोनारी एयरपोर्ट रोड की स्थिति खतरनाक होती जा रही है.
प्रदूषण का कारण बड़ी गाड़ियां
जमशेदपुर में यातायात व्यवस्था की मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण बदहाल स्थिति है. प्रदूषण वैसे तो कंपनियों से भी होती है. लेकिन इसके लिए डीजल की बड़ी गाड़ियां भी जिम्मेवार हैं, जो शहर में सिर्फ एक छोर से दूसरे छोर की ओर गुजरने के लिए आती हैं. ऐसी गाड़ियों को बाहर ही बाहर जाने का रास्ता मिल जाये, तो निश्चित तौर पर बेहतर रिजल्ट आयेगा. यातायात का दबाव भी कम होगा और प्रदूषण भी नहीं होगा. सड़कों की हालत भी ठीक रहेगी.
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