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ख्वाजा मेरे ख्वाजा…

ख्वाजा मेरे ख्वाजा… फ्लैग::: जमशेदपुर फेस्टिवल : आदिल हुसैनी ने बिखेरी फिल्मी सूफी गीतों की खुशबू लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर गोपाल मैदान में चल रहे जमशेदपुर फेस्टिवल में बुधवार की शाम सूफी संगीत के नाम रही. इसमें सूफी संगीत गायक आदिल हुसैनी ने फिल्मी-गैरफिल्मी सूफी संगीत प्रस्तुत किये. कार्यक्रम की शुरुआत लोकप्रिय सूफी गीत ‘सैंयां-सैंयां…’ […]

ख्वाजा मेरे ख्वाजा… फ्लैग::: जमशेदपुर फेस्टिवल : आदिल हुसैनी ने बिखेरी फिल्मी सूफी गीतों की खुशबू लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर गोपाल मैदान में चल रहे जमशेदपुर फेस्टिवल में बुधवार की शाम सूफी संगीत के नाम रही. इसमें सूफी संगीत गायक आदिल हुसैनी ने फिल्मी-गैरफिल्मी सूफी संगीत प्रस्तुत किये. कार्यक्रम की शुरुआत लोकप्रिय सूफी गीत ‘सैंयां-सैंयां…’ के साथ हुई, जिसमें ही श्रोताओं ने गायक के ताल से ताल मिलाना शुरू कर दिया. आदिल हुसैनी ने उपस्थित श्रोताओं से साथ गाने का आग्रह किया, तो श्रोता जैसे पहले से ही इसके लिए तैयार बैठे हों, इस तरह उनके साथ गाने लगे. इसके बाद आदिल हुसैनी ने एक के बाद एक कर के दर्जनों की संख्या में फिल्मी सूफी गीत प्रस्तुत किये, जिनमें से अनेक पर श्रोता झूमते दिखे. विशेष रूप से एआर रहमान द्वारा तैयार धुन पर ‘ख्वाजा मेरे ख्वाजा, दिल में समा जा…’ गाने पर तो आम श्रोताओं के साथ ही अगली पंक्ति में बैठी कारपोरेट जगत की अनेक बड़ी हस्तियां भी ताल मिलाती नजर आयीं. इसी तरह आदिल द्वारा प्रस्तुत ‘जिया धड़क-धड़क, जिया धड़क-धड़क…’ गीत पर भी पूरे गोपाल मैदान में उपस्थित श्रोता झूमते नजर आये. ‘उड़ने लगा यूं मन बावरा रे, आया कहां से ये हौसला रे…’ गीत को बुद्धिजीवी वर्ग के श्रोताओं ने खूब सराहा, तो इसी के साथ जोड़ कर प्रस्तुत आदिल के फिल्मी गीत ‘मुस्कुराने की वजह तुम हो…’ पर भी श्रोताओं ने खूब तालियां बजायीं. आदिल ने अधिकांश प्रस्तुतियों में गानों के सिर्फ मुखड़े ही गाकर सुनाये. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक गाने श्रोताओं के लिए पेश कर सकें, इसके लिए वे सिर्फ मुखड़े ही सुना रहे हैं. यह सही भी था, क्योंकि बहुत कम समय में उन्होंने दो दर्जन से अधिक गाने प्रस्तुत कर श्रोताओं को सूफी संगीत के नानाविध रंग-ओ-बू का अहसास कराने में सफलता पायी. आदिल हुसैनी द्वारा प्रस्तुत अधिकांश फिल्मी सूफी गानों से पूर्व से परिचित होने के कारण श्रोता उनकी धुनें बजनी शुरू होने के साथ ही झूम कर ताल से ताल मिलाने लग रहे थे, जिसके कारण मंचस्थ गायक एवं उनकी संगीत मंडली के साथ श्रोताओं का सहज ही संगीतमय समन्वय हो जा रहा था. कार्यक्रम के दूसरे चरण में स्थानीय करीम सिटी कॉलेज की टीम ने भी अपनी संगीत प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें श्रोताओं की खूब सराहना मिली. आज की संगीत संध्या में जुस्को के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर, आइएसडब्ल्यूपी के प्रबंध निदेशक नीरज कांत, टाटा स्टील सीएसआर के प्रमुख वीरेन रमेश भूटा, जीएम शरण आदि सहित कारपोरेट जगत की अनेक प्रसिद्ध हस्तियां मौजूद थीं.

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