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नयी जगहों पर लीजिये पिकनिक का मजा:::::::संपादित

नयी जगहों पर लीजिये पिकनिक का मजा:::::::संपादितनये साल को मनाने के लिए शहरवासी अभी से ही प्लानिंग कर रहे हैं. कोई शहर से बाहर जा रहा है, तो कोई शहर के आसपास की सीनरी में ही नये साल का मजा लेना चाहता है. शहर के पार्कों व पिकनिक स्थलों में ज्यादा भीड़-भाड़ होने के कारण […]

नयी जगहों पर लीजिये पिकनिक का मजा:::::::संपादितनये साल को मनाने के लिए शहरवासी अभी से ही प्लानिंग कर रहे हैं. कोई शहर से बाहर जा रहा है, तो कोई शहर के आसपास की सीनरी में ही नये साल का मजा लेना चाहता है. शहर के पार्कों व पिकनिक स्थलों में ज्यादा भीड़-भाड़ होने के कारण शहरवासी नई जगह की तलाश में भी हैं. ऐसे में लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट आपको शहर के आसपास की उन नयी जगहों के बारे में बता रही है, जहां आप नये साल में परिवार के साथ पिकनिक का मजा ले सकते हैं. पढ़िये यह रिपोर्ट…—————–सीतारामपुर डैम इंडस्ट्रियल एरिया आदित्यपुर से पांच किलोमीटर दूर सीतारामपुर डैम है. यह बेस्ट पिकनिक स्पॉट हो सकता है. यहां आसपास के लोग संडे इंजॉय करने आते हैं, लेकिन शहरवासी यहां कम ही पहुंच रहे हैं. ऐसे में यह शहरवासियों के लिए हटकर जगह हो सकती है. जाने की है अच्छी सुविधा डैम तक अजनबी को भी पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. यहां तक पक्की सड़क जाती है. यहां बाइक और गाड़ी से परिवार के साथ आराम से जाया जा सकता है. विस्तृत क्षेत्र में फैले इस डैम के पास काफी जगह है, जहां परिवार और दोस्तों के साथ खाना पकाया जा सकता है. आप यहां छोटा चूल्हा ले जा सकते हैं. लकड़ी, उपले से खाना बनाना हो तो इसकी भी व्यवस्था कर सकते हैं. आपको पीने का पानी घर से ले जाना होगा. दिनभर मस्ती, शाम में वापसी मुख्य शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर होने के कारण आप थोड़ा ट्रेवलिंग का भी आनंद ले सकते हैं. यहां अाप दिनभर मस्ती कर शाम तक आराम से घर लौट सकते हैं. आसपास के लोगों के लिए यह क्षेत्र बड़ा सहारा है. ऐसे में आपको ग्रामीण संस्कृति को भी जानने-समझने का मौका मिलेगा. सुरक्षा को लेकर रहें निश्चिंत सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी यह जगह अच्छी मानी जा सकती है. स्थानीय लोगों की मानें तो पुलिस यहां गश्त करती रहती है. चालू सड़क होने की वजह से यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है. इस तरह नया साल मनाने के लिए यह आपके लिए थोड़ी नयी और हटकर जगह हो सकती है. कोट:::::::::::हम दोस्तों के साथ रविवार को यहां फुरसत के क्षण बिताने आते हैं. घूमने के लिए यहां का लोकेशन अच्छा है. हमलोग कई बार यहां पिकनिक भी मना लेते हैं. -अंकित कुंदन चौधरी हमलोग यहां क्वालिटी टाइम स्पेंड करने आते हैं. यह पिकनिक के लिए अच्छी जगह है. कई लोगों को यहां के बारे में पता नहीं है. जिन्हें मालूम है, वह अक्सर यहां आते हैं. -नीतेश दास सीतारामपुर डैम पिकनिक के लिए काफी अच्छी जगह है. लोग यहां 25 दिसंबर के बाद जुटने शुरू हो जाते हैं. यहां लोग पिकनिक मनाने आते रहते हैं. पुलिस की पेट्रोलिंग भी रहती है. -सोमराय बेसराइस जगह की देखरेख गांव वाले करते हैं. कचरा वगैरह फैलने नहीं देते. पिकनिक का समय आने पर डस्टबिन की व्यवस्था करते हैं. नगर परिषद द्वारा यहां का सौंदर्यीकरण किया जायेगा. गेस्ट हाउस बनाने की बात चल रही है. -विजय गोराय ———————–तुरियाबेड़ा तुरियाबेड़ा शहरवासियों के लिए बिल्कुल नयी जगह हो सकती है. यह शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर एनएच-33 के किनारे है. ग्रामीण क्षेत्र में आपको यहां पानी के बीच उभरी पठारी के साथ स्वर्णरेखा तट दिखायी देगा. इसे पिकनिक के नये स्पॉट के रूप में देखा जा सकता है. यहां पहुंचना भी है आसान यहां भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां जाने के लिए एनएच-33 से कच्ची सड़क कटती है. यहां तक बाइक और चार पहिया वाहन आराम से पहुंच सकता है. सड़क के दोनों किनारे कई तरह के वृक्ष होने से यहां आने में अलग अनुभूति होगी. बैचलर के लिए है बेस्ट स्पॉट यह जगह युवाओं के लिए अच्छी है. नयी जगह होने के कारण यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से अभी परिवार के लिए बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है. यहां दोस्तों के साथ जरूर मस्ती हो सकती है. नदी किनारे लें पिकनिक का मजा यहां नदी के पास खाना बनाने के लिए विस्तृत जगह है. लकड़ी चूल्हा बनाकर यहां खाना बनाया जा सकता है. डांस-मस्ती भी हो सकती है. ——————जयदाशहर से 40 किलोमीटर दूर एनएच-33 किनारे जयदा शिवमंदिर है. इसे तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है. पहाड़ी पर बने मंदिर के नीचे कल-कल बह रही स्वर्णरेखा नदी इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है. स्वर्णरेखा नदी पर बने सड़क पुल से ही मंदिर दिखने लगता है. यह धार्मिक के साथ-साथ पिकनिक स्थल भी बन गया है. प्रदेशभर से लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं. मंदिर का इतिहास केरा (खरसावां) के राजा जयदेव सिंह ने ईचागढ़ के राजा विक्रमादित्य देव से गुजारिश कर यह मंदिर बनवाया था. यहां की शिलाओं को देखकर पता चलता है कि यह 13वीं शताब्दी में बना होगा. बाद के वर्षों में मंदिर को विकसित और सुंदर बनाया गया. मंदिर के प्रधान पुजारी महंत केशवानंद सरस्वती के मुताबिक यहां का शिवलिंग आपरूपी है. यही इसकी विशेषता है. प्रधान पुजारी जूना अखाड़ा से जुड़े हैं. बन गया है बड़ा पिकनिक स्पॉट मंदिर की वजह से लोग यहां आते रहते हैं. नये साल में तो जबरदस्त भीड़ रहती है. लोगों के खाने व मस्ती करने के लिए नदी की दोनों तरफ बड़ी जगह है. यहां आराम से लोग परिवार और दोस्तों के साथ खाना बना सकते हैं. मंदिर के नागा बरुणानंद सरस्वती बताते हैं कि 25 दिसंबर से यहां भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है. पहली को तो जबरदस्त भीड़ रहती है. पुल की दोनों तरफ दिनभर लोगों का जमावड़ा रहता है. पहुंचना है आसान यहां पहुंचना काफी आसान है. रांची जाने के रास्ते में एनएच-33 किनारे यह रमणीक जगह है. यहां जाने के क्रम में पहले चांडिल आता है. यह शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर है. यहां से तीन-चार किलोमीटर दूर जयदा है. एनएच-33 से मंदिर तक पक्की सड़क बनी है. एनएच से लगे होने के कारण सुरक्षा भीमंदिर तक जाने के लिए शहर से 40 किलोमीटर यानी करीब एक-डेढ़ घंटे का रास्ता है. इस समय एनएच-33 की स्थिति भी ठीक-ठाक है, इसलिए रास्ते को लेकर चिंता करने की बात नहीं है. यहां पिकनिक मनाने के बाद आराम से शाम तक घर लौटा जा सकता है. एनएच से लगे होने और मंदिर के पास होने की वजह से यहां सुरक्षा को लेकर भी चिंतित होने की बात नहीं है. ——————–कांदरबेड़ा एनएच-33 किनारे ही स्वर्णरेखा तट पर कांदरबेड़ा बसा है. यह शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर है. यह भी बढ़िया पिकनिक स्पॉट है. पहली जनवरी को यहां भी कई लोग पिकनिक मनाने जाते हैं. भीड़-भाड़ से है दूर बाइक और कार दोनों से ही नदी तट तक पहुंचा जा सकता है. ग्रामीणों के मुताबिक एक तारीख को यहां कई लोग आते हैं. इंटरेस्टेड लोग अभी से यहां की जगह देख-देख कर जा रहे हैं. खाना बनाने के लिए विस्तृत जगहयहां नदी में बड़े-बड़े पत्थर दिखायी देते हैं. कटा-छटा तट होने के कारण यहां पानी तक पहुंचना आसान है. कई जगह तट से पानी बहुत नीचे होता है, इसलिए यहां तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. जबकि कांदरबेड़ा में पत्थरों पर बैठकर नदी के पानी का मजा लिया जा सकता है. साथ ही तट किनारे पंक्ति में कई तरह के पेड़ इसकी प्राकृतिक छटा बढ़ा देते हैं. यहां भी खाना बनाने के लिए नदी किनारे विस्तृत जगह है.

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