क्रिसमस के लिए गिरिजाघर तैयार:::::संपादितक्रिसमस आने वाला है. इसाई धर्मावलंबी इसके लिए जोरों पर तैयारियां कर रहे हैं. कई इलाकों में क्रिसमस गैदरिंग भी हो रही है. प्रभु के आगमन का संदेश घर-घर पहुंचाया जा रहा है. क्रिसमस के लिए गिरिजाघरों को भी विशेष रूप से सजाया गया है. शहर के गिरिजाघरों की रौनक देखते ही बन रही है. शहर का सेंट जॉर्ज चर्च 99 साल पुराना है और कई खासियतों से परिपूर्ण है. इस क्रिसमस पर शहर के गिरिजाघरों व उसके इतिहास के साथ-साथ वहां होने वाली तैयारियों को बताती लाइफ @ जमशेदपुर की खास रिपोर्ट. नाम : सेंट जॉर्ज चर्च, सीएच एरियास्थापना : 1916 24 की रात से ही शुरू हो जायेगा आयोजनफादर दीपक अनिल जोजो बताते हैं कि 24 दिसंबर की रात से ही आयोजन शुरू हो जायेगा. रात में प्रभु भोज होगा. बालक यीशु के जन्म के विषय में शिक्षा व उपदेश दिये जाएंगे. 25 दिसंबर को सीएनआई (चर्च ऑफ नाॅर्दन इंडिया) में इलाके के बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे. सुबह आठ बजे अंग्रेजी में मुख्य वक्ता चाको प्रभु की प्रार्थना करेंगे व सुबह 10 बजे हिंदी में प्रार्थना की जायेगी. चर्च की सजावट की जा रही है. इसमें चरनी का निर्माण किया जायेगा, साथ ही लाइटिंग का बंदोबस्त रहेगा. 25 तारीख को ही लोग घरों से पकवान बनाकर लाएंगे व आराधना के बाद सभी एकसाथ भोजन करेंगे. इसके अलावा लोग अपने साथ मांदर, ढोलकी जैसे वाद्य यंत्र भी लेकर आएंगे व मांदरी, मंडारी भाषा में प्रभु की स्तुति के गीत गाएंगे. स्थापना को हुए 99 सालवर्ष 1914 में इस चर्च की नींव डाली गयी और 1916 में यह चर्च पूर्ण रूप से तैयार हुआ. चर्च में शताब्दी समारोह की भी तैयारियां हो रही हैं. नये साल में प्रवेश करते ही यह 100 साल का हो जायेगा. इस चर्च को सामान्य ईंटों से तैयार नहीं किया गया. फादर बताते हैं कि इस चर्च में लगी ईंटों को इंग्लैंड से मंगाया गया था. चर्च को अंग्रेजों ने तैयार किया था. इसमें सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसके बावजूद यह बहुत मजबूत है.—————————नाम : सेंट मेरी चर्च, बिष्टुपुर स्थापना : 1938 फूलों से होगी चर्च की सजावटचर्च की दीवारों पर नया पेंट लगाने के साथ चर्च के अंदर रंग-रोगन व फर्नीचर की पेंटिंग की जा रही है. फादर सी खालको बताते हैं कि क्रिसमस के दिन चर्च की रौनक देखते ही बनती है. बड़ी संख्या में लोग आते हैं. चर्च के अंदर स्टार, फूलों की सजावट के साथ चरनी का निर्माण होगा. चर्च के साथ पूरे कैंपस को लाइटों से सजाया जायेगा. फादर ने बताया कि 24 दिसंबर की रात 11 बजे कैरोल सिंगिंग होगी. 11.30 बजे प्रार्थना शुरू की जायेगी. प्रभु यीशु के जन्म के बाद प्रांगण में मौजूद सभी लोग प्रभु से आशीर्वाद लेंगे. केक का लुत्फ उठायेंगे. 25 दिसंबर की सुबह सात बजे इंगलिश में प्रभु की प्रार्थना की जायेगी. प्रभु के दर्शन के लिए रात नौ बजे तक आम लोगों के लिए चर्च खुला रखा जायेगा. इस समय कैरोल सिंगिंग के दौरान घर-घर जाकर प्रभु के आगमन का संदेश दिया जा रहा है. सेंटा क्लॉस लोगों को मिठाइयों के साथ उपहार बांट रहे हैं. चर्च में 300 लोगों के बैठने की व्यवस्थाचर्च के अंदर एक साथ 300 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. कैंपस में पहाड़ रूपी गुफा के ऊपर मरियम लोगों को आशीष दे रही हैं. इसके अलावा चर्च के सामने भी मदर मैरी की प्रतिमा है. मदर मैरी पर लोगों का काफी विश्वास है. यहां पर प्रार्थना करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. —————–नाम : सेंट जोसेफ चर्च, गोलमुरी स्थापना : 1957 चर्च के अंदर और बाहर होगी भव्य सजावटक्रिसमस के लिए इस चर्च में भी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. फादर कामिल हेंब्रम बताते हैं कि साफ-सफाई होने के साथ चर्च के भीतरी भाग में सजावट खास होगी. पूरे चर्च को फूलों से सजाया जायेगा. 22 दिसंबर तक चरनी भी तैयार कर ली जायेगी. 24 दिसंबर रात 11 बजे से प्रार्थना शुरू होगी. जमशेदपुर धर्म प्रांत का है मुख्य गिरिजा सेंट जोसेफ चर्च जमशेदपुर धर्म प्रांत का मुख्य गिरिजा है. फादर कामिल हेंब्रम बताते हैं कि 2010 में इसे तीर्थ स्थल के रूप में भी घोषित किया जा चुका है. यह चर्च क्राॅस के निशान पर तैयार किया गया है. आसमान से देखने में क्राॅस चिह्न दिखायी प्रतित देता है. चर्च के बाहर रंकणी देवी की प्रतिमा है. वहीं, ग्रोटो का निर्माण भी किया गया है. एक समय में चर्च में तकरीबन 1200 लोग प्रार्थना कर सकते हैं. ———————————-नाम : इमानुएल बेप्टिस्ट चर्च, सीतारामडेरा स्थापना : 1926प्रभु की अाराधना में गाये जायेंगे गीतपास्टर रेवराज परीछा ने बताया कि क्रिसमस की तैयारियां की जा रही हैं. इस दौरान कई कार्यक्रम होंगे. प्रभु की अाराधना के बाद केक काटा जायेगा. गीत व ड्रामा प्रस्तुत किया जायेगा. सेंटा क्लॉस बच्चों को गिफ्ट्स व मिठाइयां बाटेंगे. इसके अलावा चर्च के भीतरी व बाहरी भाग को लाइटिंग व फूलों से सजाया जायेगा. चर्च में आने वाले तमाम लोगों को प्रभु यीशु के आगमन का मकसद और जीवन के उपदेश दिये जायेंगे. एक साथ 600 से ज्यादा लोग कर सकते हैं प्रार्थनाशहर के तीन बड़े चर्च में इमानुएल बेप्टिस्ट चर्च भी आता है. पास्टर परीछा बताते हैं कि एक बार में इस चर्च में तकरीबन 600 से ज्यादा लोग बैठ सकते हैं. पहले यह चर्च छोटा था, लेकिन बाद में इसका फिर से निर्माण करवाया गया. चर्च के भीतर में क्रास है व पूरा खाली है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग एक साथ प्रार्थना कर सकें. गिरिजा के ऊपर भी दो क्राॅस हैं, जो काफी दूर से दिखायी देते हैं. ————————नाम : लुपिटा चर्च, टेल्कोस्थापना : 1972नये चर्च का निर्माण : 2006 नाच-गाने के साथ दिये जाएंगे उपहार क्रिसमस का त्योहार लुपिटा चर्च में भी देखते ही बनेगा. यहां भी क्रिसमस की तैयारियां जोरों पर हैं. फादर लियोजॉन डिसूजा बताते हैं कि यह चर्च माता गोडालुपे को समर्पित किया गया है. 24 दिसंबर की रात कैरोल सिंगिंग के साथ क्रिसमस की खुशियों का आगाज किया जायेगा. केक कटिंग के साथ-साथ गिफ्ट हैंपर्स भी दिये जाएंगे. गिरिजा को सजाने वालों के साथ उन युवाओं को भी सम्मानित किया जायेगा, जो हर साल चरनी बनाते हैं. चर्च को सजाने के लिए इस बार गुब्बारों का इस्तेमाल भी किया जायेगा. साथ ही फूलों व लाइटों से भी गिरिजाघर की सजावट की जायेगी. चर्च के पास ग्रोटो है खास माता गोडालुपे को समर्पित यह चर्च काफी खास है. इसमें लोवर व अपर फ्लोर में कुल मिलाकर हजार से ज्यादा लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं. वहीं, चर्च के बाहर ग्रोटो भी खास है. यह पहाड़ रूपी है, यहां भी लोग प्रार्थना करते हैं.
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क्रिसमस के लिए गिरिजाघर तैयार:::::संपादित
क्रिसमस के लिए गिरिजाघर तैयार:::::संपादितक्रिसमस आने वाला है. इसाई धर्मावलंबी इसके लिए जोरों पर तैयारियां कर रहे हैं. कई इलाकों में क्रिसमस गैदरिंग भी हो रही है. प्रभु के आगमन का संदेश घर-घर पहुंचाया जा रहा है. क्रिसमस के लिए गिरिजाघरों को भी विशेष रूप से सजाया गया है. शहर के गिरिजाघरों की रौनक देखते […]
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