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टॉपर टॉक : मो आसिफ इकबाल अंसारी::::::संपादित

टर्म्स से परीक्षा में मिलती है काफी मदद मो आसिफ इकबाल अंसारी मार्क्स : 92.4 प्रतिशत रैंक : स्कूल टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : काशीडीह हाइस्कूल बोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : शबनम परवीन, मो महमूद आलम फोटो लाइफ बैकअप के बाहर मो आसिफ इकबाल अंसार 1 व 2 के नाम से लाइफ रिपोर्टर […]

टर्म्स से परीक्षा में मिलती है काफी मदद मो आसिफ इकबाल अंसारी मार्क्स : 92.4 प्रतिशत रैंक : स्कूल टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : काशीडीह हाइस्कूल बोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : शबनम परवीन, मो महमूद आलम फोटो लाइफ बैकअप के बाहर मो आसिफ इकबाल अंसार 1 व 2 के नाम से लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने शुरू से प्लानिंग की थी कि मुझे बोर्ड परीक्षा में अच्छा स्कोर करना है. मुझे आशा अनुरूप अंक मिले. मैं स्कूल की पढ़ायी के साथ चल रहा था. स्कूल में पढ़ाये पाठ को घर पर रोज दोहराता था और किसी तरह के डाउट होने पर उसे नोट कर लेता था. अगले दिन टीचर से पूछ कर डाउट क्लियर कर लेता था. पाठ्य पुस्तकों पर दिया ध्यानमैंने पाठ्य पुस्तकों को बेस माना था. हर विषय की तैयारी इसी से की थी. मैं अनुभव के आधार पर कहना चाहता हूं कि सीबीएसइ के छात्र अगर सिर्फ पाठ्य पुस्तक पर ही फोकस करें तो उन्हें अन्य किताब पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी. किताबों को थॉरोली पढ़ा मैं नोट्स बनाने की बजाय किताबों को अच्छी तरह समझकर पढ़ता था. मैंने हर विषय को थॉरोली पढ़ा. इसके अतिरिक्त मैंने एग्जाम आइडिया से भी तैयारी की थी. यह बोर्ड के समान पैटर्न पर आधारित होता है. मैथ्स और फीजिक्स की तैयारी भी मैंने इससे ही की थी. मुझे शुरू में फीजिक्स में दिक्कत हो रही थी. घर पर खुद से पढ़ना शुरू किया तो सारी चीजें समझ में आने लगीं. केमिस्ट्री विषय मेरा बहुत अच्छा था. इसमें मुझे 98 प्रतिशत मार्क्स मिले. टर्म्स को नजरअंदाज नहीं करें मेरे हिसाब से टर्म्स की तैयारी करने से बोर्ड परीक्षा में काफी मदद मिलती है. इससे छोटी-छोटी तैयारी होती रहती है. इससे अंतिम समय में आप पर दबाव नहीं रहता. अंतिम समय में केवल रीविजन करना रहता है. इसलिए छात्रों को इन परीक्षाओं पर ध्यान देना चाहिए. प्री बोर्ड से मिला सबक मेरा प्री बोर्ड का रिजल्ट अच्छा नहीं रहा था. इससे मुझे झटका लगा. कितने पानी में हूं यह पता चल गया. मैं संभला. इसके बाद बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए अलग से रूटीन बनाया. अब मैं कम से कम चार घंटे रोज पढ़ता था. इस तरह परीक्षा नजदीक आते-आते मेरी अच्छी तैयारी हो गयी. परीक्षा से पहले इस पर दिया ध्यान कुछ चैप्टर शॉर्ट मेमोरी वाले होते हैं. इसे परीक्षा के एक-दो सप्ताह पहले पढ़ने से अच्छा रहता है. आप क्लास में पढ़ायी के दौरान इसे अच्छी तरह समझ लें, ताकि अंतिम में एक-दो बार पढ़ने से यह याद हो जायें. मैंने फीजिक्स में सेमी कंडक्टर चैप्टर को इसी तरह से याद किया था. समय का रखें ख्याल परीक्षा में समय का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. कई बार समय के अभाव में जानते हुए भी आपसे कुछ सवाल छूट जाते हैं. मैं कहना चाहता हूं कि इंगलिश में इस बात का ख्याल जरूर रखना चाहिए. तैयारी के दाैरान दबाव कम करने के लिए मैं ब्रेक लेकर पढ़ता. वर्तमान में मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा हूं. मैं पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता हूं. बात पते की -समय का ध्यान रखें व रूटीन बना कर पढ़ें-कमजोर विषय पर अधिक ध्यान दें -दबाव से बचने के लिए ब्रेक लेकर पढ़ें

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