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फ्लैग::: भगवान गणेश की पूजा कर पायें बाधाओं से मुक्ति

फ्लैग::: भगवान गणेश की पूजा कर पायें बाधाओं से मुक्तिहेडिंग:::: अंगारकी चतुर्थी व्रत आजलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी तिथि को वट चतुर्थी व्रत होता है. इस वर्ष यह पर्व मंगलवार, 15 दिसंबर को होने के कारण यह अंगारकी चतुर्थी भी कहा जायेगा. यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी तिथि से आरंभ होकर पहले, दूसरे […]

फ्लैग::: भगवान गणेश की पूजा कर पायें बाधाओं से मुक्तिहेडिंग:::: अंगारकी चतुर्थी व्रत आजलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी तिथि को वट चतुर्थी व्रत होता है. इस वर्ष यह पर्व मंगलवार, 15 दिसंबर को होने के कारण यह अंगारकी चतुर्थी भी कहा जायेगा. यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी तिथि से आरंभ होकर पहले, दूसरे एवं चौथे वर्ष में पूरे साल करने पर (चार वर्षों में) पूर्ण होता है. इस व्रत को करने के लिए पहले वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी को प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का नियम ग्रहण करते हुए भगवान गणपति का सविधि पूजन करें तथा इसमें भगवान गणेश को नैवेद्य के रूप में मोदक, तिलकुट एवं जौ के आटे (मैदा) का पकवान अवश्य अर्पित करें. इसके अतिरिक्त इस पर्व में परिमित भोजन का विधान है. इस प्रकार वर्ष भर प्रत्येक चतुर्थी को इसी प्रकार व्रत करें. इसके पश्चात दूसरे वर्ष मर्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी को यथा पूर्वक नियम ग्रहण कर व्रत पूजन कर नक्त भोजन (सिर्फ रात में एक बार भोजन) कर उसे वर्ष भर हर चतुर्थी को व्रत संपन्न करें. तीसरे वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी को नियम पूर्वक व्रत कर पूजन आदि करें तथा अयाचित भोजन (एक बार में जितना मिल जाय) करें. इस प्रकार पूरे वर्ष हर चतुर्थी को यह व्रत करें. चौथे वर्ष पुन: उसी प्रकार मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी को नियम पूर्वक व्रत का संकल्प कर पूजन करें तथा पूरे दन निराहार उपवास करें. इस प्रकार पूरे वर्ष व्रत कर के चौथा वर्ष पूरा होने पर इस व्रत का उद्यापन करें. उद्यापन में व्रती को अपन सामर्थ्य के अनुसार स्वर्ण, रजत, ताम्र अथवा मिट्टी की भगवान गणेश की प्रतिमा बना कर उसका सविधि पूजन करें. इसके पश्चात गौदान एवं हवन के बाद 24 ब्राह्मणों की सपत्नीक भोजन करायें एवं यथा शक्ति दान-दक्षिणा देकर व्रत पूरा करें. इस व्रत को करने से व्रती की हर विघ्न-बाधा दूर होती है तथा सुख-शांति-संपत्ति की प्राप्ति होती है. व्रत का पारण बुधवार को प्रात: 6:20 बजे के बाद कभी भी किया जा सकता है.

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