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टॉपर टॉक : अभिलाषा रोही::::संपादित

टाॅपर टॉक : अभिलाषा रोही::::संपादितऑनलाइन पेपर साल्व करने से मिली मददअभिलाषा रोही सीजीपीए : 10रैंक : स्कूल टॉपर में शामिल संकाय : साइंस स्कूल : विद्या भारती चिन्मिया विद्यालय, टेल्कोबोर्ड : सीबीएसइ (10वीं)माता : अताशी महतो पिता : बलराम महतो लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने प्लानिंग के हिसाब से बोर्ड परीक्षा की तैयारी की थी. […]

टाॅपर टॉक : अभिलाषा रोही::::संपादितऑनलाइन पेपर साल्व करने से मिली मददअभिलाषा रोही सीजीपीए : 10रैंक : स्कूल टॉपर में शामिल संकाय : साइंस स्कूल : विद्या भारती चिन्मिया विद्यालय, टेल्कोबोर्ड : सीबीएसइ (10वीं)माता : अताशी महतो पिता : बलराम महतो लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने प्लानिंग के हिसाब से बोर्ड परीक्षा की तैयारी की थी. कब किस विषय को और कितनी देर पढ़ना है, इसके लिए रूटीन बना लिया था. इससे तैयारी करने में काफी सहूलियत मिलती है. आप हर क्षण का सदुपयोग कर पाते हैं.हर किताब को थॉरोली पढ़ामैं हर किताब को थॉरोली पढ़ गयी थी. अन्य किताब से तैयारी नहीं की. क्योंकि परीक्षा में टेक्स्ट बुक्स से ही सवाल पूछे जाते हैं. मैं स्कूल पुस्तकालय में बैठकर पढ़ती थी. प्री बोर्ड के बाद बदल लिया था रूटीन प्री बोर्ड के बाद जब क्लास बंद हो गये तो मैंने घर पर पढ़ायी के लिए अलग रूटीन बना लिया था. मैं देर रात यानी नौ बजे से सुबह तीन बजे तक पढ़ती थी. ऐसा नहीं है कि मैं लगातार पढ़ती थी, बीच में ब्रेक भी लेती थी. मैं कहना चाहती हूं कि हर स्टूडेंट का पढ़ने का अपना समय और तरीका होता है. उन्हें वातावरण को देखकर रूटीन में तब्दीली लानी चाहिए. सॉल्व किया ऑनलाइन पेपर मैं तैयारी के दौरान ऑनलाइन पेपर सॉल्व करती थी. हर दिन एक पेपर जरूर सॉल्व करती थी. वीडियो से मुझे काफी मदद मिली. इसके माध्यम से मैं कम समय में पढ़ लेती थी. मेरे घर पर यह सुविधा है. टीचर्स से मिला मार्गदर्शन तैयारी के लिए मुझे सभी शिक्षकों ने सपोर्ट किया. स्कूल में होने वाले टर्म के पेपर दिखाये जाते थे. इसमें कहां गलती हो रही है, कहां नंबर कट रहे हैं. किस तरह से लिखने पर नंबर कटते हैं, अधिक नंबर लाने के लिए उत्तर किस तरह से लिखा जाये आदि बातें क्लास में बतायी जाती थीं. मैं इन बातों पर गौर करती थी और गलती में सुधार लाने की कोशिश करती थी. मुझे बड़ी बहन विजेता ने भी काफी सपोर्ट किया. सॉल्व की लास्ट इयर क्वेश्चन बैंकप्री बोर्ड तक मैंने सेलेबस पूरा कर लिया था. प्री बोर्ड तक मैं पिछले साल के प्रश्न बनाती थी. क्वेश्चन बैंक से मैंने खूब अभ्यास किया. प्री बोर्ड के बाद जब मैं स्कूल नहीं जा रही थी तो क्वेश्चन बैंक से अभ्यास किये प्रश्नों को रोज दोहराती थी. अभ्यास के दौरान कहां गलती हो रही है, कैसे उत्तर लिखना चाहिए आदि बातों पर गौर करती थी. इस दौरान किसी तरह की दिक्कत होने पर मैं टीचर से फोन पर पूछ लेती थी. फोन पर समझ में न आने पर मैं स्कूल जाकर टीचर से टॉपिक के बारे में कॉन्सेप्ट क्लियर कर लेती थी. ग्राफिक्स डिजाइनिंग में बनाना है कैरियर मैं ग्राफिक्स डिजाइनिंग फील्ड में आगे बढ़ना चाहती हूं. पुणे में इसका इंस्टीट्यूट है. यहां इंटरव्यू के आधार पर दाखिला मिलता है. बारहवीं के बाद मैं यहां एडमिशन लेना चाहती हूं. बात पते की -प्लानिंग कर तैयारी करें, ज्यादा से ज्याद रीविजन करें-टेक्स्ट बुक पढ़े, क्वेश्चन बैंक भी करें तैयारी-गलतियों पर ध्यान दें, उसे दोहरायें नहीं

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