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कैरियर टिप्स:::: अमरेंद्र कुमार:::संपादितफिशरी साइंस में बनायें भविष्य फिशरी साइंस के क्षेत्र में कैरियर की अनंत संभावनाएं हैं. इस फील्ड में छात्र को बैचलर ऑफ फिशरी साइंस का कोर्स करना चाहिए. यह चार साल का कोर्स होता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता बायो या मैथ्स साइंस के साथ इंटर है. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पुसा के […]

कैरियर टिप्स:::: अमरेंद्र कुमार:::संपादितफिशरी साइंस में बनायें भविष्य फिशरी साइंस के क्षेत्र में कैरियर की अनंत संभावनाएं हैं. इस फील्ड में छात्र को बैचलर ऑफ फिशरी साइंस का कोर्स करना चाहिए. यह चार साल का कोर्स होता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता बायो या मैथ्स साइंस के साथ इंटर है. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पुसा के अंतर्गत मात्स्की महाविद्यालय ढोली में यह कोर्स होता है. इसके अलावा रायपुर (छत्तीसगढ़), मेदनीपुर (वेस्ट बंगाल), रत्नागिरी (महाराष्ट्र) आदि में भी यह कार्स उपलब्ध है. यहां दाखिले के लिए ज्वाइंट इंट्रेंस टेस्ट देना होता है. कोर्स पूरा कर लेने के बाद आप मत्स्य विभाग में नौकरी पाने के योग्य हो जाते हैं. छात्र चाहें तो सेंट्रल आइलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैरकपुर से शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (सीफा) भुवनेश्वर से भी कोर्स किया जा सकता है. इसके जरिये आप कोस्टल एरिया में फिश प्रोसेसिंग प्लांट, फ्रेश वाटर फार्म्स आदि जगहों में नियुक्ति पा सकते हैं. आप एकेडमिक्स लाइन में भी आगे बढ़ सकते हैं. रुचि हो तो रिसर्च का फील्ड भी आपके लिए खुला है. -अमरेंद्र कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी

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