वे आजीवन जनहित के लिए समर्पित रहे. 31 मार्च 1925 काे जन्मे एनइ हाेराे का 11 दिसंबर 2008 काे निधन हाे गया था. अखिल भारतीय झारखंड पार्टी के महासचिव के रूप में 1963 में उन्हाेंने करनडीह स्थित आदिवासी भवन में पहली बार जनसभा काे संबाेधित किया था. इस सभा में पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बागुन सुंब्रई भी उपस्थित थे.
1963 में अखिल भारतीय झारखंड पार्टी का कांग्रेस में विलय हाेना झापा के लिए घातक साबित हुआ. बागुन के साथ मिलकर एनइ हाेराे ने फिर से संगठन काे मजबूत करने का प्रयास किया. बाद में बागुन सुंब्रई भी उन्हें छाेड़कर चले गये. हाेराे ने विपरीत परिस्थितियों में कभी हार नहीं मानी. सिद्धांत आैर संगठन नहीं बदला. वे हमेशा जोश व उत्साह से भरे रहे. सांसद सुनील महताे की हत्या के बाद 82 साल की उम्र में बाघुड़िया का दाैरा कर उन्होंने जता दिया कि उनमें काफी ऊर्जा है. एनइ हाेराे का करनडीह से गहरा लगाव था. 2005 के विधानसभा चुनाव में काेलेबिरा से झापा प्रत्याशी एनाेस एक्का ने जीत के बाद यूपीए की बजाय एनडीए काे समर्थन कर एनइ हाेराे काे जाेरदार झटका दिया था. 11 दिसंबर 2008 काे उनका निधन हाे गया.