जमशेदपुर: टाटा मोटर्स, टाटा हिताची समेत कई कंपनियां अब जमशेदपुर में टैक्स जमा नहीं करेंगी. टाटा मोटर्स मुंबई और टाटा-हिताची बेंगलुरु में टैक्स जमा करेगी. इससे राज्य सरकार के राजस्व पर असर पड़ेगा. झारखंड की झोली में करीब 1300 करोड़ का टैक्स नहीं जायेगा.
केंद्र सरकार द्वारा हाल में ही बड़ी कंपनियों (वित्त विभाग की भाषा में एलटीपी यानी लार्ज टैक्स पेयर) को सिंगल विंडो सिस्टम का लाभ देने की योजना लायी गयी है. इसके तहत ऐसी कंपनियां अपने मुख्यालय वाले शहर में ही समेकित तौर पर सेंट्रल एक्साइज व सर्विस, इनकम आदि टैक्स का भुगतान कर सकती हैं. इसके बाद शहर की बड़ी कंपनियां इस वित्तीय वर्ष से ही सभी टैक्स का भुगतान समेकित तौर पर सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये ही करेंगी.
केंद्र सरकार की ओर से भी इसे मंजूरी दे दी गयी है. इससे राज्य सरकार के राजस्व को होने वाले नुकसान की बात करें तो टाटा मोटर्स सेंट्रल एक्साइज के जमशेदपुर डिवीजन को 500 करोड़ का भुगतान करती थी. टाटा हिताची भी 100 करोड़ का टैक्स देती थी. इसी तरह, टाटा मोटर्स सर्विस टैक्स के तौर पर 261 करोड़ का भुगतान करती थी. टाटा हिताची करीब 40 करोड़ रुपये देती थी. आयकर के रूप में दोनों कंपनियां करीब 400 करोड़ रुपये का भुगतान करती थी. उक्त सभी राशि अब मुंबई और बेंगलुरु में जमा होंगी.