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परीक्षा के दौरान रहें पूरी तरह तनावमुक्त

परीक्षा के दौरान रहें पूरी तरह तनावमुक्तआकृति जवानपुरिया मार्क्स : 92 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : कॉमर्स स्कूल : केरला समाजम मॉडल स्कूल, साकची बोर्ड : आइएससी माता-पिता : विनीता जवानपुरिया-सुनील जवानपुरिया लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदुपर मैंने शुरू से ही बोर्ड परीक्षा पर फोकस किया था. मैं क्लास में रेगुलर रही. आप […]

परीक्षा के दौरान रहें पूरी तरह तनावमुक्तआकृति जवानपुरिया मार्क्स : 92 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : कॉमर्स स्कूल : केरला समाजम मॉडल स्कूल, साकची बोर्ड : आइएससी माता-पिता : विनीता जवानपुरिया-सुनील जवानपुरिया लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदुपर मैंने शुरू से ही बोर्ड परीक्षा पर फोकस किया था. मैं क्लास में रेगुलर रही. आप 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी केवल दो-तीन महीने की पढ़ायी से नहीं कर सकते. इसके लिए आपको पूरे साल पढ़ायी करनी होगी. अच्छा रिजल्ट चाहिए, तो मेहनत भी करनी होगी. मैंने भी लक्ष्य बना लिया था कि मुझे अच्छे अंक लाने हैं. साल भर पढ़ायी से अंतिम समय में नहीं होता दबावआप जब साल भर पढ़ायी करते हैं, तो आपको अंतिम समय में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती. परीक्षा नजदीक आने पर केवल रीविजन करना होता है. परीक्षा के दौरान तनावमुक्त रहने के लिए मैंने साल भर पढ़ायी की थी. मैं कहना चाहती हूं कि छात्रों को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा को एक समान नहीं लेना चाहिए. दोनों में काफी फर्क है. 12वीं बोर्ड के लिए आपको थोड़ा सीरियस होना ही होगा. एकस्ट्रा किताब से की तैयारी मैंने पाठ्य पुस्तक के अलावा एकस्ट्रा किताबों से भी तैयारी की थी. मुझे मैथ्स और अकाउंट्स में थोड़ी दिक्कत होती थी. मेरे ख्याल में मैथ्स और अकाउंट्स में एक किताब से अच्छी तैयारी नहीं हो सकती. मैंने एकस्ट्रा किताबें पढ़ी थीं. मैथ्स में ओपी मलहोत्रा और एमएन अग्रवाल की किताब से अभ्यास किया. अकाउंट्स में टीएस ग्रेवाल को पढ़ा. इंगलिश में बनाया था नोट्स इंगलिश में मैंने एकस्ट्रा किताबें नहीं पढ़ी थीं. पाठ्य पुस्तक को ही अच्छी तरह से पढ़ा था. मैंने इंगलिश का विस्तार से नोट्स बनाया था. मेरा नोट्स इतना अच्छा था कि मुझे किताब पलटने की जरूरत ही नहीं होती थी. परीक्षा नजदीक अाने पर नोट्स से ही तैयारी की. कॉमर्स की बात करूं, तो इसमें मुझे दिक्कत नहीं हुई. टीचस से क्लीयर करती थी डाउटमुझे मैथ्स और अकाउंट्स में दिक्कत होती थी. जब तक स्कूल जाती रही, हर तरह के डाउट्स क्लीयर करने की कोशिश करती थी. प्री बोर्ड के बाद क्लासेज बंद हो गये. इस समय घर पर तैयारी के दौरान किसी तरह की दिक्कत होने पर दोस्तों से फोन पर पूछ लेती थी. यहां भी बात समझ में नहीं आती थी, तो टीचर से पूछती थी. कई बार स्कूल जाकर टीचर से पूछ लेती थी. हल्के में न लें बोर्ड परीक्षा वर्तमान में मैं बीकॉम कर रही हूं. मैं तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहती हूं कि वह 12वीं बोर्ड परीक्षा को हल्के में न लें. अगर अच्छे अंक चाहिए तो गंभीरता पूर्वक तैयारी करें. बात पते की -क्लास में रेगुलर रहें और समझ कर पढ़ें-किसी भी टॉपिक को अंतिम समय के लिए न छोड़ें -पाठ्य पुस्तक की सही तरीके से करें पढ़ाई

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