होमियोपैथिक में दमा का कारगर इलाजफोटोडॉ टिमिर कर, होमियोपैथिक दमा फेफड़े से संबंधित बीमारी है. लंग्स के बगल में मसल्स व टीशू में सिकुड़न आने के कारण यह बीमारी होती है. इसके कारण मरीज को सांस संबंधी समस्या होती है. यह एलर्जिक कारणों से भी हो सकती है. जैसे, धूल, प्रदूषण, वातावरण में बदलाव व खुली जगह में रहने के कारण. यह बीमारी 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में अधिक होती है. लेकिन, मौजूदा समय में युवा भी इस बीमारी की चपेट में आते जा रहे हैं. बीमारी होने से मरीज की नाक से पानी निकलता है, छींके आती हैं, एकाएक सांस लेने में तकलीफ होती है. रात के समय में सांस फूलती है और बेचैनी लगती है. ऐसे लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. बीमारी से बचाव के लिए खुले कमरे में रहना बेहतर होता है. स्वच्छ वातावरण व प्रदूषण से दूरी भी बनाये रखनी चाहिये. इस बीमारी का होमियोपैथिक में भी कारगर इलाज है. बीमारी : दमा. लक्षण : नाक से पानी निकलना, छींके आना, एकाएक सांस लेने में तकलीफ, रात के समय में सांस का फूलना और बैचेनी. बचाव : खुले कमरे में रहने की कोशिश करें, स्वच्छ वातावरण में रहें, प्रदूषण से दूरी रखें.
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होमियोपैथिक में दमा का कारगर इलाज
होमियोपैथिक में दमा का कारगर इलाजफोटोडॉ टिमिर कर, होमियोपैथिक दमा फेफड़े से संबंधित बीमारी है. लंग्स के बगल में मसल्स व टीशू में सिकुड़न आने के कारण यह बीमारी होती है. इसके कारण मरीज को सांस संबंधी समस्या होती है. यह एलर्जिक कारणों से भी हो सकती है. जैसे, धूल, प्रदूषण, वातावरण में बदलाव व […]
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