जमशेदपुर: श्रम मंत्री चंद्रशेखर दुबे ने कहा कि मजदूरों का हक मारने वाले कंपनी प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज होगा. टाटा मोटर्स, टीएमएल ड्राइव लाइन, टाटा कमिंस से जुड़े मामले की सुनवाई के बाद ‘प्रभात खबर’ से दूरभाष पर बात करते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि कंपनी प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि मजदूरों की सुविधा और हक न मारें, कंपनी का विकास करें, सरकार मदद करेगी.
कन्वाई चालकों को न्यूनतम वेतन देने का निर्देश : श्रम मंत्री ने कन्वाई चालकों की समस्या पर बात करते टाटा मोटर्स प्रबंधन से स्पष्ट कहा कि चालकों को स्किल्ड रेट मिलना चाहिए. कंपनी के विधि विभाग के पदाधिकारी ने जब कहना चाहा कि इनका रेट व संचालन ट्रांसपोर्टर के माध्यम से तय होता है तो श्रम विभाग के पदाधिकारी ने कहा कि टाटा मोटर्स की गाड़ी ये गंतव्य तक पहुंचाते हैं इसलिए टाटा मोटर्स ही मुख्य नियोक्ता है और न्यूनतम मजदूरी का मामला कोर्ट में नहीं है. श्रम मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि न्यूनतम मजदूरी के भुगतान की जिम्मेवारी प्रबंधन को लेनी होगी. उन्होंने काउंटर खोलकर न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने को कहा. मंत्री ने कहा कि अगर 16 नवंबर तक तक ऐसा नहीं हो सका तो केस भी हो सकता है.
बैठक में शामिल हुई एके पांडेय-हर्षवर्धन की टीम
बैठक में एके पांडेय और हर्षवर्धन की टीम उपस्थित थी. एके पांडय़े ने विभिन्न मुद्दों पर अपना पक्ष रखा श्रम मंत्री से आवश्यक समाधान करने की मांग की. नेपाल हाउस जाने वालो में एके पांडेय, हर्षवर्धन, एके शर्मा, पंकज सिंह, अजय कुमार, गोपाल सिंह, जगदीश प्रसाद, वाईपी श्रीवास्तव, केके सेन, केएस कुमार, एसके चौधरी व अमर सिंह समेत अन्य शामिल थे.